रायपुर : राजधानी में शालेम स्कूल को संचालित करने वाली सोसायटी का विवाद रंग लाया है जिसमें एक पक्ष बोल रहा है नई सोसायटी कमेटी से स्कूल संचालित नहीं किया जा सकेगा। वही दूसरा पक्ष ये बोल रहा है कि स्कूल चालू करने में लगा हुआ है। इस मामलें में पीड़िता ने सिविल लाइन थाना में अपराध दर्ज कराया है जिसमें उन्होंने बताया है कि वो गोपाल जनरल स्टोर के पास राजातालाब थाना सिविल लाइन क्षेत्र में छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड ऑफ एजुकेशन की सचिव शशि वाघे ने अपने परिवार के साथ रहते हुए एक गंभीर शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि 17 अक्टूबर 2025 की शाम करीब 5.30 बजे से 6.00 बजे के बीच शालेम इंग्लिश स्कूल परिसर में नितिन लॉरेन्स, जयदीप राबिन्सन, राकेश जयराज, प्रीति यादव, रूपिका लॉरेन्स, राहुल करीम, शुभवाणी, साक्षी, यूएफएल, असीम विक्रम, बिशप सुषमा कुमार, सुबोध कुमार, गजेंद्र दान और उनके 20-25 साथियों ने स्कूल में बलात प्रवेश किया और उन पर हिंसक हमला किया। शिकायत में कहा गया है कि आरोपियों ने सचिव को जमीन पर गिरा कर उनके हाथ-पाँव दबाए और वाक स्टिक छीनकर उन पर हमला किया। इस दौरान उनके पर्स से पैसे गायब हो गए। आरोपियों ने हाथ-मुक्के और पास रखी नुकीली वस्तुओं से सचिव के चेहरे और शरीर पर हमला किया, जिससे उनकी छाती और कंधे में चोटें आईं। साथ ही, उनका चश्मा और मोबाइल भी तोड़ दिया गया। इस मामले में नितिन लॉरेंस का पक्ष जाने का प्रयास किया जा रहा है।
घटना के दौरान उपस्थित अधिवक्ता वैभव इफ्राइम, अनवर अली और निलमी राबिन ने भी आरोपियों द्वारा धमकी और मारपीट का सामना किया। नितिन लॉरेन्स और उसके सहयोगियों ने मोबाइल छीनने का प्रयास किया और अधिवक्ता के हाथ को भी मरोड़ा। आरोपियों ने गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी दी, जिसमें स्कूल परिसर में डर और भय का माहौल उत्पन्न हो गया।
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शिकायत में उल्लेख है कि इस पूरी घटना की शुरुआत तब हुई जब सचिव स्कूल परिसर में अपना बैग लेने गई थीं। इस दौरान उनके साथ प्रभारी प्रचार्य सपना जाज, अधिवक्ता वैभव इफ्राइम, अनवर अली और निलमी राबिन भी मौजूद थे। अचानक नितिन लॉरेन्स, जयदीप राबिन्सन, रूपिका लॉरेन्स, राकेश जयराज, प्रीति यादव, राहुल करीम, शुभवाणी, साक्षी, यूएफएल, असीम विक्रम, बिशप सुषमा कुमार, सुबोध कुमार, गजेंद्र दान और उनके अन्य 20-25 साथी वहां आ गए और सचिव के साथ हाथापाई शुरू कर दी। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने सचिव को जमीन में पटकते हुए अपमानित किया और लगातार गाली-गलौज करते हुए धमकाया। उन्होंने धमकी दी कि यदि सचिव स्कूल में आए तो उनका मर्डर कर दिया जाएगा। इस हिंसक घटना में सभी आरोपियों ने मिलकर मारपीट की, मोबाइल और अन्य कीमती सामान तोड़े और स्कूल परिसर में भय का वातावरण पैदा किया।
पुलिस ने शिकायत के आधार पर अपराध पंजीबद्ध कर अनुसंधान शुरू कर दिया है। आवेदन पत्र के अवलोकन पर यह पाया गया कि आरोपी धारा 296, 115(2), 351(2), 191(2), 117, 131, 352, 329 के तहत अपराध करने के दोषी हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सभी आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। इस घटना ने रायपुर में शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा की चिंता को बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्कूल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत नहीं होने के कारण ऐसे घटनाएं घटित हो रही हैं। प्रशासन और स्कूल प्रबंधन को मिलकर तत्काल सुरक्षा उपाय लागू करने की आवश्यकता है।
स्थानीय नागरिकों ने भी इस घटना पर चिंता व्यक्त की है और प्रशासन से मांग की है कि स्कूलों में नियमित निगरानी बढ़ाई जाए। स्कूल प्रशासन ने कहा कि पुलिस के सहयोग से पूरी जांच में सहयोग किया जाएगा और भविष्य में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। सचिव शशि वाघे ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन और पुलिस इस मामले में जल्द कार्रवाई करेंगे और आरोपियों को न्याय दिलाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा संस्थानों में कर्मचारियों और विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और इस तरह की घटनाओं की किसी भी रूप में सहनशीलता स्वीकार्य नहीं है।
पुलिस ने पूरे मामले में सतर्कता बरतते हुए घटना के सभी पहलुओं की जांच शुरू कर दी है। सभी संदिग्धों और उनके सहयोगियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला रायपुर में स्कूल परिसर में हिंसा और सुरक्षा उल्लंघन का गंभीर उदाहरण पेश करता है। प्रशासन और पुलिस द्वारा समय पर कार्रवाई न होने पर भविष्य में शिक्षा संस्थानों में इस तरह की घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए प्रशासन ने तुरंत जांच शुरू कर दी है और आरोपियों को न्याय दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
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