देवउठनी एकादशी का पर्व हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है। यह वह दिन है जब सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा से जाग जाते हैं। इस साल देवउठनी एकादशी 01 नवंबर को पड़ रही है। इसी दिन से शुभ काम जैसे - 'विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश' जैसे सभी शुभ कामों की शुरुआत हो जाती है। शास्त्रों के अनुसार, देवउठनी एकादशी की रात कुछ विशेष स्थानों पर दीपक जलाना बहुत शुभ और फलदायी माना गया है, तो आइए उन शुभ स्थानों को जानते हैं।
तुलसी के पौधे के पास
देवउठनी एकादशी की शाम को तुलसी के पौधे के पास घी के 5 दीपक जलाएं। तुलसी माता को हरिप्रिया और माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। ऐसे में उनके सामने दीपक जलाने से वैवाहिक जीवन की मुश्किलें दूर होती हैं और धन की देवी मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।
मुख्य द्वार
एकादशी की रात को घर के मुख्य प्रवेश द्वार के दोनों ओर गाय के घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और सुख-शांति बनी रहती है।
पीपल के पेड़ के नीचे
देवउठनी एकादशी की रात पीपल के पेड़ के नीचे एक दीपक जलाएं और उसकी सात बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से व्यक्ति को कर्ज से मुक्ति मिलती है। साथ ही धन लाभ के योग बनते हैं।
रसोई घर
इस शुभ अवसर पर घर के रसोई घर में भी एक दीपक जलाना चाहिए। रसोई को अन्नपूर्णा देवी का स्थान माना जाता है। यहां दीपक जलाने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती है और रसोई हमेशा धन-धान्य से भरी रहती है।



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