बिलासपुर : केंद्रीय विश्वविद्यालय गुरु घासीदास में छात्र अर्सलान अंसारी की मौत के बाद सियासी सरगर्मी तेज़ हो गई है। बीएससी (भौतिकी) के पांचवें सेमेस्टर में अध्ययनरत अर्सलान का शव 23 अक्टूबर को विश्वविद्यालय परिसर के तालाब से सड़ी-गली अवस्था में मिला। यह वही छात्र था.जो 21 अक्टूबर से हॉस्टल से लापता था। दो दिनों तक विश्वविद्यालय प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी — न कोई सूचना पुलिस को दी गई, न परिजनों को। यह लापरवाही अब विश्वविद्यालय प्रबंधन के लिए सवालों का पहाड़ खड़ा कर रही है।
मामले को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी (ग्रामीण और शहर) ने सोमवार को पुलिस कप्तान कार्यालय पहुँचकर ज्ञापन सौंपा और उच्च स्तरीय जांच की मांग की।प्रतिनिधिमंडल में जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशवानी, शहर कांग्रेस विजय पाण्डय, जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन प्रमोद नायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शेख नज़रुद्दीन ,ऋषि पाणडेय शामिल रहे।
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विजय केशवानी ने कहा कि तीन दिनों तक छात्र का गायब रहना और बाद में विश्वविद्यालय परिसर के तालाब से शव मिलना, विश्वविद्यालय प्रशासन की संवेदनहीनता और लापरवाही को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि “विश्वविद्यालय के अंदर छात्रों की सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। अर्सलान जैसे युवा, जो अपने सपनों को साकार करने आए थे, अब असुरक्षा और अव्यवस्था के शिकार हो रहे हैं।”
केशरवानी ने कहा कि। विश्वविद्यालय की जवाबदेही तय होनी चाहिए। वार्डनों और प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि “जब छात्र तीन दिन से हॉस्टल में नहीं था, तो उपस्थिति रजिस्टर में एंट्री क्यों नहीं की गई? किसने जांच की? यह स्पष्ट रूप से लापरवाही नहीं तो और क्या है? और जब छात्र इस माँग को लेकर आवाज़ बुलंद करते हैं तो उन्हें विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया जाता है कुलपति की इस। तानाशाही के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाया जाना जरूरी है। हमारी मांग है पुलिस कप्तान से की कुलपति के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किया जाए।
वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता शेख नज़रुद्दीन और परमोद नायक ने कहा कि विश्वविद्यालय अब शिक्षा का मंदिर न होकर, एक बंद संस्थान बन गया है जहाँ पारदर्शिता का अभाव है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक छात्र की मौत नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन के चरित्र की पोल खोलने वाली घटना है।
इधर, कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने कहा कि पुलिस मामले को गंभीरता से ले रही है और एक उच्च स्तरीय जांच टीम गठित की जा चुकी है, जिसका नेतृत्व आईपीएस अधिकारी गगन कुमार कर रहे हैं।
एसएसपी ने बताया कि वे स्वयं घटनास्थल पहुंचे, तालाब और हॉस्टल परिसर का निरीक्षण किया और सीसीटीवी फुटेज बरामद कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि “हमने घटनास्थल का गहन निरीक्षण किया है। जांच टीम हर पहलू की बारीकी से पड़ताल कर रही है — छात्र के गायब रहने के दौरान की गतिविधियाँ, उपस्थिति रजिस्टर, वार्डन और प्रबंधन की जिम्मेदारी, सब कुछ जांच के दायरे में है।”
एसएसपी रजनेश सिंह ने आगे बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है, और यदि ज़रूरत हुई तो फॉरेंसिक जांच के लिए साक्ष्य भेजे जाएंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो भी इस घटना के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
कांग्रेस नेताओं ने कुलपति और विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की है। उनका कहना है कि जिस विश्वविद्यालय को छत्तीसगढ़ की अस्मिता और संत गुरु घासीदास जी के नाम से जोड़ा गया है, वहाँ इस तरह की घटनाएँ शर्मनाक हैं।
अब पूरा शहर इस सवाल के साथ खड़ा है — क्या अर्सलान की मौत केवल हादसा है, या किसी बड़े प्रशासनिक सच की परतें इसमें छिपी हैं? जवाब जांच के बाद ही मिलेगा, लेकिन फिलहाल पुलिस की सक्रियता और कांग्रेस की मुखर मांग ने इस मामले को सुर्खियों के केंद्र में ला दिया है।
केंद्रीय विश्वविद्यालय गुरु घासीदास में छात्र अर्सलान अंसारी की मौत के बाद सियासी सरगर्मी तेज़ हो गई है। बीएससी (भौतिकी) के पांचवें सेमेस्टर में अध्ययनरत अर्सलान का शव 23 अक्टूबर को विश्वविद्यालय परिसर के तालाब से सड़ी-गली अवस्था में मिला। यह वही छात्र था जो 21 अक्टूबर से हॉस्टल से लापता था। दो दिनों तक विश्वविद्यालय प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी — न कोई सूचना पुलिस को दी गई, न परिजनों को। यह लापरवाही अब विश्वविद्यालय प्रबंधन के लिए सवालों का पहाड़ खड़ा कर रही है।
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कांग्रेस का मोर्चा, कुलपति पर एफआईआर की मांग
मामले को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी (ग्रामीण और शहर) ने सोमवार को पुलिस कप्तान कार्यालय पहुँचकर ज्ञापन सौंपा और उच्च स्तरीय जांच की मांग की। प्रतिनिधिमंडल में जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशवानी, शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय पाण्डेय, जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन प्रमोद नायक, वरिष्ठ कांग्रेस नेता शेख नज़रुद्दीन और ऋषि पाण्डेय शामिल रहे।
विजय केशवानी ने कहा कि तीन दिनों तक छात्र का गायब रहना और बाद में विश्वविद्यालय परिसर के तालाब से शव मिलना, विश्वविद्यालय प्रशासन की संवेदनहीनता और लापरवाही को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अंदर छात्रों की सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। अर्सलान जैसे युवा, जो अपने सपनों को साकार करने आए थे, अब असुरक्षा और अव्यवस्था के शिकार हो रहे हैं।
विश्वविद्यालय की जवाबदेही तय होनी चाहिए
केशरवानी ने कहा कि विश्वविद्यालय की जवाबदेही तय होनी चाहिए। वार्डनों और प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि —जब छात्र तीन दिन से हॉस्टल में नहीं था, तो उपस्थिति रजिस्टर में एंट्री क्यों नहीं की गई? किसने जांच की? यह स्पष्ट रूप से लापरवाही नहीं तो और क्या है? और जब छात्र इस माँग को लेकर आवाज़ बुलंद करते हैं तो उन्हें विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया जाता है। कुलपति की इस तानाशाही असंवेदनशीलता के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाया जाना जरूरी है। हमारी मांग है पुलिस कप्तान से कि कुलपति के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किया जाए।”
शिक्षा का मंदिर अब बंद संस्थान बन चुका है
वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता शेख नज़रुद्दीन और प्रमोद नायक ने कहा कि विश्वविद्यालय अब शिक्षा का मंदिर न होकर एक बंद संस्थान बन गया है जहाँ पारदर्शिता का अभाव है।
उन्होंने कहा कि यह केवल एक छात्र की मौत नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन के चरित्र की पोल खोलने वाली घटना है।
पुलिस कप्तान का रुख कड़ा, जांच टीम गठित
इधर, कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने कहा कि पुलिस मामले को गंभीरता से ले रही है और एक उच्च स्तरीय जांच टीम गठित की जा चुकी है, जिसका नेतृत्व आईपीएस अधिकारी गगन कुमार कर रहे हैं।
एसएसपी ने बताया कि वे स्वयं घटनास्थल पहुंचे, तालाब और हॉस्टल परिसर का निरीक्षण किया और सीसीटीवी फुटेज बरामद कर लिए गए हैं।उन्होंने कहा कि हमने घटनास्थल का गहन निरीक्षण किया है। जांच टीम हर पहलू की बारीकी से पड़ताल कर रही है — छात्र के गायब रहने के दौरान की गतिविधियाँ, उपस्थिति रजिस्टर, वार्डन और प्रबंधन की जिम्मेदारी, सब कुछ जांच के दायरे में है।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी—एसएसपी रजनेश
एसएसपी रजनेश सिंह ने आगे बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है, और यदि ज़रूरत हुई तो फॉरेंसिक जांच के लिए साक्ष्य भेजे जाएंगे।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि —किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।जो भी इस घटना के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस का सवाल और जनता की प्रतीक्षा
कांग्रेस नेताओं ने कुलपति और विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की है।उनका कहना है कि —जिस विश्वविद्यालय को छत्तीसगढ़ की अस्मिता और संत गुरु घासीदास जी के नाम से जोड़ा गया है, वहाँ इस तरह की घटनाएँ शर्मनाक हैं।



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