बिलासपुर : गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के छात्र अर्सलान अंसारी की मौत के मामले को लेकर शुक्रवार को बिलासपुर पुलिस ने बड़ा स्पष्टीकरण जारी किया है। एक अख़बार में प्रकाशित खबर में यह दावा किया गया था कि जांच एक अनुभवहीन प्रधान आरक्षक के जिम्मे है, लेकिन पुलिस ने इस खबर को तथ्यहीन और भ्रामक बताया है।
सिर्फ मर्ग नहीं, SIT की जांच चल रही है
पुलिस के अनुसार, मृत्यु के मामलों में प्रारंभिक कार्रवाई — जैसे मर्ग पंचनामा — थाने स्तर पर प्रधान आरक्षक या सहायक उपनिरीक्षक द्वारा की जाती है। यह सिर्फ प्रारंभिक प्रक्रिया होती है, संपूर्ण जांच नहीं। थाना कोनी में छात्र अर्सलान अंसारी की संदेहास्पद डूबने से हुई मौत की जांच अब विशेष जांच टीम कर रही है।
SIT का नेतृत्व IPS अधिकारी कर रहे हैं
यह टीम नगर पुलिस अधीक्षक गगन कुमार के नेतृत्व में काम कर रही है। SIT में थाना प्रभारी निरीक्षक अनंत कुमार, साइबर सेल और तकनीकी सेल के अधिकारी शामिल हैं। टीम वैज्ञानिक और समन्वित तरीके से जांच कर रही है।
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प्रधान आरक्षक सिर्फ शुरुआती औपचारिकता तक
पुलिस ने स्पष्ट किया कि थानेदार अनंत के चार्ज संभालने से पहले प्रधान आरक्षक रमेश पटनायक ने नियमित प्रारंभिक मर्ग कार्यवाही की थी। SIT के गठन के बाद हर सदस्य की भूमिका तय कर दी गई है, और दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर जिम्मेदारी के दायरे में होते हैं।
भ्रमित करने वाली खबर पर पुलिस की अपील
पुलिस ने कहा कि “यह दावा कि पूरी जांच एक प्रधान आरक्षक कर रहा है — पूरी तरह गलत और भ्रम फैलाने वाला है। वर्तमान में जांच CSP स्तर के अधिकारी के निर्देशन में, पारदर्शी और विधिसम्मत ढंग से चल रही है।
साथ ही, बिलासपुर पुलिस ने मीडिया और जनता से अपील की है कि ऐसी संवेदनशील जांचों पर समाचार प्रकाशित करने से पहले तथ्य की पुष्टि करें, ताकि जांच प्रक्रिया और जनमानस दोनों प्रभावित न हों।



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