दुर्ग: दुर्ग जिले में सरकारी जमीन को भुइयां पोर्टल के जरिए निजी जमीन में जोड़ने के फर्जीवाड़े मामले में पुलिस ने दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पूर्व में एक आरोपी गिरफ्तार होकर जेल में बंद है। जालसाजों ने जिस प्रकार से तकनीकी जानकारी का गलत उपयोग किया है, उससे ऑनलाइन होते दस्तावेजीकरण पर गड़बड़ी होने की संभावना जताई जा रही है।
सरकार के भुंइया पोर्टल में छेड़छाड़ कर निजी जमीन में जोड़कर रकबा बढ़ाने का फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया था। पुलिस ने दो आरोपी अमित मौर्य और गणेश तम्बोली को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों ही पिछले कुछ दिनों से फरार चल रहे थे। एसीसीयू की टीम और नंदिनी थाने की टीम ने संयुक्त कार्रवाई कर दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
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पटवारी के यूजर आईडी पासवर्ड और ओटीपी का दुरुपयोग
दोनों ही आरोपियों ने अहिवारा पटवारी के यूजर आईडी पासवर्ड और ओटीपी का दुरुपयोग करते हुए भुइयां पोर्टल में दोनों ने मुरमुंदा तहसील अहिवारा के खसरा नंबर 1538/11 और 187/04 में ऑनलाइन छेड़छाड़ कर भूमि का रकबा फर्जी तरीके से बढ़ा दिया था। इसी आधार पर कुछ लोगों ने भारतीय स्टेट बैंक से 36 लाख रुपए का लोन भी ले लिया था।
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रकबा बढ़ाने के बदले धनराशि का प्रस्ताव
पुलिस की पूछताछ में गणेश तंबोली ने बताया कि उसके परिचित अशोक उरांव ने रकबा बढ़ाने के बदले धनराशि का प्रस्ताव दिया था। इसलिए उसने अपने मित्र अमित मौर्य के साथ मिलकर यह साइबर जालसाजी की। दोनों ने तकनीकी जानकारी का गलत इस्तेमाल करते हुए पोर्टल में फर्जी एंट्री डाली थी।
आपको बता दें कि इस मामले में पहले भी एक आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है। फिलहाल पुलिस विवेचना कर रही है, आने वाले समय में और भी लोगों की गिरफ्तारी होनी है।



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