रायगढ़ : जिले के एक पावर प्लांट में मिलावटी कोयले की कई गाडिय़ां जब्त की गई हैं। बताया जा रहा है कि अब इन गाडिय़ों को ब्लैक लिस्ट करते हुए सीज करने की कार्रवाई की जा रही है। इस पर प्लांट के भी कुछ अधिकारियों की मिलीभगत सामने आ सकती है। कोयले में छाई या डस्ट मिलाकर सप्लाई करने का काम रायगढ़ के कई ट्रांसपोर्टरों का मुख्य कारोबार है। पहले प्लांट का डीओ लेते हैं, फिर कोयला परिवहन के दौरान ही बीच में खेल हो जाता है। किसी डिपो में या प्लॉट में आसानी से कोयले में मिक्सिंग कर दी जाती है। प्लांट प्रबंधन को पता भी नहीं चलता कि उनके साथ क्या खेल हो गया है। एक पावर प्लांट में मिक्स कोयला लेकर पहुंचने वाली कई गाडिय़ों को पकड़ा गया है।
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बताया जा रहा है कि एमसीएल से आ रहे कोयले के परिवहन का ठेका एक ट्रांसपोर्टर को मिला था। उसने दूसरे ट्रांसपोर्टर की गाडिय़ां लगवाईं और तय समय में कोयला पहुंचाने को कहा। डीओ के मुताबिक माइंस से कोयला लाकर डिलीवरी प्रारंभ की गई। सूत्रों के मुताबिक गाडिय़ों को बीच रास्ते में रोककर इसमें मिक्सिंग की गई। जब कोयला प्लांट में पहुंचा तो प्रबंधन को संदेह हुआ। जांच करने पर कोयले की गुणवत्ता बेहद खराब निकली। लोडिंग प्वाइंट की सैम्पल रिपोर्ट और डिलीवरी प्वाइंट पर लैब रिपोर्ट में जमीन-आसमान का अंतर मिला। इसके बाद करीब सौ गाडिय़ों में मिलावटी कोयला पकड़े जाने की अपुष्ट खबरें मिली हैं। अब उस ट्रांसपोर्टर की गाडिय़ां सीज करने की कार्रवाई की जा रही है।
कंपनी से ब्लैकलिस्ट है ट्रांसपोर्टर
सूत्रों के मुताबिक पूर्व में एक ट्रांसपोर्टर लगातार कोयले में मिक्सिंग कर सप्लाई कर रहा था। एक बड़ी कंपनी ने इस गड़बड़ी को पकड़ा और कार्रवाई की। बताया जा रहा है कि ट्रांसपोर्टर को कंपनी में कोयला परिवहन के काम से ब्लैक लिस्ट कर दिया गया। इसके बाद वही ट्रांसपोर्टर दूसरे के टेंडर में अपनी गाडिय़ां लगवा रहा है। लेकिन काम वैसा ही कर रहा है।



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