नई दिल्ली : सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु और महादेव की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूजा-अर्चना, गंगा स्नान और दीपदान करने से साधकों को सभी पापों से छुटकारा मिलता है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। ऐसे में देवताओं ने महादेव की पूजा की थी। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन शिव जी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसे में आइए जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
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कार्तिक पूर्णिमा 2025 डेट और शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा की शुरुआत 04 नवंबर को देर रात 10 बजकर 36 मिनट पर हो गई है। वहीं, इस तिथि का समापन 05 नवंबर को शाम 06 बजकर 48 मिनट पर होगा। ऐसे में आज यानी 05 नवंबर (Kab Hai Kartik Purnima 2025) को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है।
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 46 मिनट से 05 बजकर 37 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 41 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक
कार्तिक पूर्णिमा 2025 स्नान टाइम
कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और दान करना शुभ माना जाता है। ऐसे में सुबह 04 बजकर 46 मिनट से 05 बजकर 37 मिनट तक स्नान और दान किया जा सकता है।
कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि



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