सनातन धर्म में भगवान गणेश प्रथम पूजनीय हैं। हर बुधवार के दिन भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। इसके साथ ही चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की भक्ति और सेवा की जाती है। साथ ही चतुर्थी का व्रत रखा जाता है।
धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। साथ ही आय, सुख-सौभाग्य और वंश में वृद्धि होती है। देशभर में भगवान गणेश को समर्पित कई प्रमुख मंदिर हैं। चतुर्थी तिथि पर बड़ी संख्या में भक्तजन गणपति बप्पा के दर्शन कर उनकी कृपा के भागी बनते हैं। आइए, गणाधिप संकष्टी चतुर्थी की सही तिथि और शुभ मुहूर्त जानते हैं-
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कब मनाई जाती है गणाधिप संकष्टी चतुर्थी?
हर साल अगहन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणाधिप संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर भक्ति भाव से भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त
वैदिक गणना
सनातन शास्त्रों में निहित है कि चतुर्थी तिथि पर चंद्र देव का करना शुभ होता है। इसके चलते चतुर्थी तिथि पर चंद्र देव का दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। कई बार तिथि में मामूली अंतर होने के चलते गणना करना मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में चंद्र दर्शन को महत्व दिया जाता है।
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कब मनाई जाएगी गणाधिप संकष्टी चतुर्थी?
अगहन महीने की शुरुआत गुरुवार 06 नवंबर से हो रही है। वहीं, अगहन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 08 नवंबर को है। इस दिन चंद्र दर्शन का शुभ संयोग बन रहा है। इसके लिए 08 नवंबर को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी।



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