पूजा में अगरबत्ती जलातें हैं ? शास्त्रों में है इसका अलग अर्थ

पूजा में अगरबत्ती जलातें हैं ? शास्त्रों में है इसका अलग अर्थ

घर में रोजाना की भगवान का पूजन-अर्चन करना हो, कोई अनुष्ठान हो या मंदिर में पूजा करने जाना हो, भक्तों की आरती की थाली में अगरबत्ती जरूर होती है। अगरबत्ती जलाना आज के समय में बहुत सामान्य बात है। मार्केट में एक से बढ़कर एक महंगी और सुगंधित अगरबत्तियां मिलती हैं। अलग-अलग खुशबू वाली अगरबत्तियों से माहौल सुगंधित बन जाता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि धार्मिक दृष्टि से अगरबत्ती जलाना हमेशा शुभ नहीं माना जाता। आइए जानते हैं कि क्या शास्त्रों में अगरबत्ती जलाने का उल्लेख किया गया है, और इसके लिए सही अर्थ और नियम क्या है।

शास्त्रों में नहीं मिलता अगरबत्ती का उल्लेख

हिंदू धर्म के जानकारों का यह कहना है कि प्राचीन ग्रंथों में पूजा-पाठ के दौरान धूपबत्ती और कपूर का उल्लेख तो मिलता है, लेकिन अगरबत्ती का नहीं। माना जाता है कि बांस से बनी अगरबत्तियों का उपयोग पूजन में वर्जित है, क्योंकि बांस का संबंध अंतिम संस्कार की सामग्री से जोड़ा गया है। ऐसे में किसी भी शुभ काम या पूजा अनुष्ठानों में अगरबत्ती के उपयोग की मनाही है। इसकी जगह धूपबत्ती का उपयोग करना चाहिए। 

ये भी पढ़े  : मुखिया के मुखारी - मान किसी का न टूटे, सम्मान सबका बना रहे 

बांस से बनी अगरबत्ती क्यों मानी जाती है अशुभ? 

यूं तो बांस का उपयोग शादी, जनेऊ और मंडप बनाने में किया जाता है, लेकिन इससे बनी अगरबत्ती का इस्तेमाल पूजन कार्यों में क्यों वर्जित हैं। शास्त्रों में बांस को जलाना निषेध माना गया है और दाह संस्कार में भी बांस को नहीं जलाया जाता है। वहीं, अगरबत्ती जलाकर ही उपयोग की जाती है। ऐसे में बांस से बनी अगरबत्ती जलाना धार्मिक दृष्टि से अनुचित ठहराया गया है।

अगरबत्ती जलाने के नियम

  1. ज्योतिषियों अनुसार, अगर आप पूजा के समय अगरबत्ती जलाते हैं, तो हमेशा दो अगरबत्तियां जलानी चाहिए। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।
  2. वहीं, चार अगरबत्तियां जलाना शक्ति का प्रतीक माना जाता है, जो विशेष धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोगी होती हैं।
  3. हमेशा पूरी और सुगंधित अगरबत्ती ही जलानी चाहिए। टूटी हुई अगरबत्ती अशुभ मानी जाती है। जलाने के बाद उस पर फूंक नहीं मारनी चाहिए। 









You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments