छत्तीसगढ़ में घर-घर खोजी जाएंगी महतारी वंदन योजना की लाभार्थी महिलाएं,आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सौंपी गई जिम्मेदारी

छत्तीसगढ़ में घर-घर खोजी जाएंगी महतारी वंदन योजना की लाभार्थी महिलाएं,आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सौंपी गई जिम्मेदारी

 रायपुर: राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी वंदना योजना के तहत अब उन हितग्राहियों की खोज की जाएगी, जिन्होंने अभी तक अपनी ई-केवायसी प्रक्रिया पूरी नहीं की है। महिला व बाल विकास विभाग ने इसके लिए सभी जिलों को निर्देश जारी किए हैं।

विभाग ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को यह जिम्मेदारी सौंपी है कि वे अपने क्षेत्र में ऐसी ‘महतारी’ हितग्राहियों की तलाश करें। उन्हें ई-केवायसी कराने के लिए प्रेरित कर कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) तक लाएं। विभाग की ओर से पहले चरण में 4.25 लाख हितग्राहियों का चयन किया है, जिन्होंने अभी तक ई-केवायसी नहीं कराया है। प्रदेश में योजना के तहत वर्तमान में 69,26,377 पात्र हितग्राही हैं।

खाद्य विभाग की ओर से विगत दिनों लोगाें का ई-केवायसी कराया था। विभाग की ओर से इन्हें पात्र मानकर राशि जारी किया जा रहा है। लेकिन, अभी भी 4.25 लाख हितग्राहियों ने ई-केवायसी नहीं कराया है। ई-केवायसी से वंचित हितग्राहियों की सूची आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दे दी गई है। सूची से संबंधित क्षेत्र के लिए निर्धारित बीएलई (विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर्स-ग्राम स्तरीय उद्यमी) का नाम व मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराया गया है।

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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बीएलई से समन्वय कर हितग्राहियों को केवायसी केंद्रों तक पहुंचाना सुनिश्चित करेंगी। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे हितग्राहियों को दस दिनों के भीतर ई-केवायसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी, अन्यथा योजना की राशि रोकी जा सकती है। ई-केवायसी प्रक्रिया बायोमैट्रिक आधारित होगी। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजना का लाभ केवल वास्तविक और पात्र हितग्राहियों को ही मिले। कोई भी पात्र महिला योजना के लाभ से वंचित न रहे।

यह दिए गए हैं निर्देश

हितग्राहियों का ई-केवायसी ग्रामीण क्षेत्रों में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र की ओर से चयनित ग्राम पंचायत भवन व शहरी क्षेत्रों में वार्ड कार्यालय में ही होगा।

ई-केवायसी का कार्य सिर्फ सीएससी, बीएलई द्वारा ही किया जाएगा। इनके अधीन कार्यरत कंप्यूटर आपरेटर नहीं करेंगे।

ई-केवायसी का कार्य पूर्ण रूप से निश्शुल्क है, हितग्राही से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा।

ई-केवायसी शिविर में उपस्थित हितग्राहियों का रजिस्टर तैयार किया जाएगा। इसमें उपस्थित हितग्राहियों की सूची व हस्ताक्षर होगा।

ई-केवायसी के लिए ग्राम स्तर पर मुनादी, वाट्सएप ग्रुप आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

यदि किसी हितग्राही का बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण विफल हो जाता है तो उसे आधार केंद्र जाकर डेटा को अपडेट कराने की सलाह दी जाएगी।

ई-केवायसी असफल होने का करण (जैसे आधार नाम असंगत, फिंगरप्रिंट न मिलना आदि) अनिवार्य रूप से दर्ज की जाएगी।

वित्त विभाग ने जारी किया था पत्र

वित्त विभाग की ओर से इस वर्ष 16 अप्रैल को सभी हितग्राहियों का ई-केवायसी कराने के संबंध में महिला व बाल विकास विभाग को पत्र जारी किया था। वित्त विभाग की निर्देश पर सभी का ई-केवायसी कराया जा रहा है। महिला व बाल विकास विभाग की अपील के बाद भी हितग्राही ई-केवायसी कराने से परहेज कर रहे हैं।

ई-केवायसी कराने में आ रही समस्याएं

  1. आधार कार्ड में नाम व पता की स्पेलिंग गलती
  2. मोबाइल नंबर आधार से लिंक न होना
  3. बैंक खाते का विवरण मेल न होना

अब तक 21वीं किश्त जारी, 13,671 करोड़ 68 लाख की मदद

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए राज्य सरकार की ओर से महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम व आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से महतारी वंदन योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है। पात्र हितग्राहियों को 21 किश्त जारी कर 13,671 करोड़ 68 लाख रुपये की मदद दी जा चुकी है।

हितग्राहियों को ई-केवायसी कराना अनिवार्य है। विभाग की ओर से प्रयास किया जा रहा है कोई भी पात्र महिला योजना के लाभ से वंचित न रहे। काफी दिनों से बिहार चुनाव में होने की वजह से अधिक जानकारी देने में असमर्थ हूं।

-पदुम सिंह एल्मा, संचालक, महिला व बाल विकास विभाग









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