जानें क्यों लोग आपको सीरियसली लेना छोड़ देते हैं

जानें क्यों लोग आपको सीरियसली लेना छोड़ देते हैं

 क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप किसी महफिल या मीटिंग में अपनी बात रखते हैं, तो लोग आपकी तरफ गंभीरता से ध्यान क्यों नहीं देते? ऐसा क्यों होता है कि आपके जरूरी सुझाव को भी अक्सर सिर्फ एक किनारे की टिप्पणी मान लिया जाता है? यकीन मानिए, समस्या आपकी बातों में नहीं, बल्कि आपकी कुछ अनजानी आदतों में छिपी हो सकती है, जो आपकी छवि को हल्का कर रही हैं।

इज्जत और प्रभाव कोई खैरात नहीं है, बल्कि यह कमाया जाता है। अगर आप चाहते हैं कि लोग आपको महत्व दें, आपके शब्दों का वजन समझें और आपकी उपस्थिति को गंभीरता से लें, तो आपको उन 5 गलतियों को पहचानना बेहद जरूरी है।

हर बात में 'हां' कहने की आदत

बहुत से लोग सोचते हैं कि अगर वे दूसरों की हर मांग को मानेंगे, तो उन्हें सम्मान मिलेगा, लेकिन यह एक बड़ी गलती है। जब आप हर किसी को खुश करने की कोशिश करते हैं, तो लोग आपको कमजोर और बिना रीढ़ की हड्डी वाला समझने लगते हैं। आपकी 'ना' कहने की क्षमता ही यह दिखाती है कि आप अपने समय और एनर्जी को कितना महत्व देते हैं।

  • सुधार: जरूरी नहीं कि आप हर काम के लिए उपलब्ध रहें। अपने समय की कीमत को समझें और विनम्रता से 'ना' कहना सीखें। इससे आपकी बात का वजन बढ़ेगा।

देर से पहुंचना और वादे तोड़ना

समय का पाबंद होना सीधे तौर पर आपके अनुशासन और विश्वसनीयता को दर्शाता है। अगर आप मीटिंग्स में हमेशा देर से पहुंचते हैं, या छोटे-छोटे वादे भी पूरे नहीं करते, तो लोग यह मान लेते हैं कि आप गैर-जिम्मेदार हैं। एक ऐसा व्यक्ति जिसे अपने वादों की परवाह नहीं, उसकी बातों को कौन गंभीरता से लेगा?

ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी -बिना आत्मसात किए कैसे साथ छत्तीसगढ़ का मिलेगा 

  • सुधार: चाहे वह 5 मिनट की देरी ही क्यों न हो, इसे नजरअंदाज न करें। हमेशा समय से पहले पहुमचने की कोशिश करें। जो वादा करें, उसे हर हाल में पूरा करें। आपकी यह आदत आपको विश्वसनीय बनाएगी।

लगातार शिकायत करना और नेगेटिविटी फैलाना

कोई भी व्यक्ति ऐसे इंसान के पास नहीं बैठना चाहता जो हमेशा शिकायतें करता रहे। अगर आपकी बातों में केवल काम का रोना, किस्मत को कोसना या दूसरों की बुराई शामिल है, तो लोग धीरे-धीरे आपसे दूरी बनाना शुरू कर देंगे। आपकी नेगेटिविटी आपकी छवि को एक कमजोर और असंतुष्ट व्यक्ति के रूप में स्थापित करती है।

  • सुधार: समस्या पर नहीं, बल्कि समाधान पर ध्यान दें। जब भी कोई नकारात्मक बात हो, तो उसे सकारात्मक तरीके से बदलने की कोशिश करें। अपनी उपलब्धियों और अच्छी बातों पर बात करें।

बिना जाने हर मुद्दे पर राय देना

सोशल मीडिया के इस दौर में हर कोई हर विषय पर राय देने को तैयार रहता है, लेकिन जब आप किसी भी विषय की पूरी जानकारी रखे बिना आत्मविश्वास से बोलते हैं और बाद में आपकी बात गलत साबित होती है, तो आप अपनी विश्वसनीयता खो देते हैं। लोग फिर आपकी किसी भी बात को 'सीरियस' नहीं लेते।

  • सुधार: केवल उन्हीं विषयों पर बोलें जिनके बारे में आपको गहरा ज्ञान हो। अगर आपको नहीं पता, तो स्वीकार करें और सुनें। कम बोलें, लेकिन जब बोलें तो आपकी बात में दम होना चाहिए।

अपने पहनावे और भाषा पर ध्यान न देना

लोग पहले आपकी आंखों से पढ़ते हैं, फिर कानों से सुनते हैं। आपका पहनावा, बात करने का तरीका और बॉडी लैंग्वेज यह बताती है कि आप खुद को कितना महत्व देते हैं। अगर आप बेतरतीब कपड़े पहनते हैं या बोलते समय आंखें चुराते हैं, तो यह आत्मविश्वास की कमी को दर्शाता है।

ये भी पढ़े : उत्पन्ना एकादशी के दिन भूलकर भी ना करें ये काम,जानें क्या करें और क्या नही 

  • सुधार: कपड़े साफ-सुथरे और अवसर के अनुरूप पहनें। बोलते समय आंखों में आंखें डालकर बात करें। अपनी बात को साफ और स्पष्ट शब्दों में कहें। एक मजबूत बॉडी लैंग्वेज आपको गंभीर और आत्मविश्वासी बनाती है।

सीरियसनेस कोई ऐसी चीज नहीं है जो आपको तोहफे में मिलती है, इसे अपनी आदतों से कमाना पड़ता है। अपनी गलतियों को सुधारें, अपने वादों को पूरा करें और अपने समय को महत्व दें। जब आप खुद को गंभीरता से लेना शुरू कर देंगे, तो दुनिया भी आपको गंभीरता से लेने लगेगी।









You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments