रायपुर आत्मानंद-स्कूलों में होगी 80 से अधिक शिक्षकों की भर्ती,लंबे समय से रिक्त है पद

रायपुर आत्मानंद-स्कूलों में होगी 80 से अधिक शिक्षकों की भर्ती,लंबे समय से रिक्त है पद

 रायपुर: स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में इस बार तिमाही परीक्षा के परिणाम ने शिक्षा विभाग की चिंता बढ़ा दी है। जिले के कई स्कूलों में छात्रों का प्रदर्शन अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंच सका। गणित, विज्ञान और अंग्रेजी जैसे मुख्य विषयों में नतीजे कमजोर आने के बाद अब विभाग ने तत्काल सुधार के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

रायपुर जिले के स्वामी आत्मानंद स्कूलों में संविदा पर 80 से अधिक शिक्षकों की भर्ती का निर्णय लिया गया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस भर्ती के लिए विज्ञापन इसी माह जारी किया जाएगा और माह के अंत तक पूरी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। विभाग का कहना है कि परीक्षा परिणामों में सुधार और छात्रों को बेहतर शैक्षणिक माहौल उपलब्ध कराने के लिए यह आवश्यक कदम है।

लंबे समय से रिक्त है पद

जिले के स्वामी आत्मानंद स्कूलों में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी विषयों के शिक्षकों के कई पद लंबे समय से रिक्त हैं। कुछ स्थानों पर अतिथि शिक्षकों से काम लिया जा रहा है, लेकिन नियमित शिक्षकों के अभाव में शैक्षणिक गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। यही कारण है कि तिमाही परीक्षा के नतीजों में कई विद्यालयों का प्रदर्शन औसत से नीचे रहा।

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बता दें कि वर्तमान में रायपुर जिले में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय योजना के अंतर्गत कुल 36 स्कूल संचालित हो रहे हैं। इनमें शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थी भी अध्ययनरत हैं। आत्मानंद स्कूलों को प्रदेश सरकार ने अंग्रेजी माध्यम की उत्कृष्ट शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किया था, ताकि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी निजी विद्यालयों की तरह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें।

मासिक प्रगति रिपोर्ट भी कर रहे तैयार

शिक्षा विभाग ने कहा कि आगामी सत्रों में इस तरह की स्थिति दोबारा न बने, इसके लिए निगरानी और मूल्यांकन की व्यवस्था भी मजबूत की जा रही है। प्रत्येक स्कूल में मासिक प्रगति रिपोर्ट तैयार की जाएगी और शिक्षकों के प्रदर्शन के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि नए शिक्षकों की नियुक्ति से शिक्षण व्यवस्था में सुधार होगा और विद्यार्थियों को कठिन विषयों की बेहतर समझ मिल सकेगी। साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। विभाग का लक्ष्य है कि अगली तिमाही परीक्षा तक सभी विषयों में औसत परिणाम 70 प्रतिशत से ऊपर लाया जाए।









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