अगर गन्ने की खेती की बात होती है, तो आपको साल भर में तीन मौके मिलेंगे, जहां पर आप गन्ने की बुआई कर सकते हैं. एक जनवरी-फरवरी में दूसरी बार जून-जुलाई में और तीसरी बार नवंबर में. नवंबर में गन्ने की बुआई करते हैं, तो उसे शरदकालीन गन्ना कहता है.
ऐसे में किसान भाई नवंबर के महीने में गन्ने की बुआई कर सकते हैं. इसमें आप सामान्य विधि को छोड़ गन्ने को सिंगल बड विधि से बुआई कर सकते हैं. दरअसल, किसान भाई अगर इस तकनीक को अपनाते हैं, तो बीज भी कम लगेगा और लागत भी कम लगेगी.
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वैसे तो शरदकालीन गन्ना के लिए 30 अक्तूबर तक का सबसे बढ़िया वक्त माना जाता है. लेकिन अगर आप ये समय चूक गए है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है.दरअसल, एक्सपर्ट का मानना है कि सामान्य विधि से गन्ने की बुवाई बिल्कुल भी ना करें.
किसान भाई आधुनिक विधि सिंगल बड़ विधि से गन्ने की बुवाई करें. किसान पहले से तैयार की गई गन्ने की पौध को खेत में रोपाई कर सिंचाई कर दें. इस विधि से किसानों को सामान्य विधि के मुकाबले ज्यादा उत्पादन मिल सकता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि सिंगल बड मेथड से कम बीज से ज्यादा से ज्यादा खेत में बुआई की जा सकती है. आमतौर पर एक हेक्टेयर खेत में 50 से 60 क्विंटल बीज की जरूरत पड़ती है लेकिन बड विधि से बुआई करने पर सिर्फ 20 से 22 क्विंटल बीज की ही जरूरत पड़ती है.
खास बात यह है कि गन्ने की एक आंख से 100 आंख तैयार होती है. नई किस्म के बीज को तेजी से बढ़ाने के लिए यह विधि बेहद ही कारगर है. जबकि सामान्य विधि से महज 10 गुना बीज गुणक को होता है.
एक्सपर्ट ने सुझाव दिया है कि अगर आप सिंगल बड विधि से गन्ने की बुआई करने से पहले खेत की अच्छे से तैयार कर ले. इसके लिए खेत की गहरी जुताई करने के बाद रोटावेटर से खेत की जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा बना कर 3 फीट की दूरी पर कुंड
उसके बाद पौधे से पौधे की दूरी 1.5 फीट रखते हुए पहले से तैयार की गई सिंगल बड़ नर्सरी के पौधों को लगा दें. पौधे लगाने के तुरंत सिंचाई कर दें. इस विधि से 90% पौधे गन्ने में तब्दील हो जाते हैं, जिससे किसानों को ज्यादा उत्पादन मिलता है.



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