बेमेतरा टेकेश्वर दुबे : कलेक्टर रणबीर शर्मा के निर्देशन में जिला प्रशासन बेमेतरा द्वारा लाइवलीहुड कॉलेज बेमेतरा में आदिवासी विकास शाखा के अंतर्गत प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत आने वाले 28 ग्रामों की स्व-सहायता समूह की महिलाओं के लिए आजीविका एवं कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है।इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना, स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना तथा उन्हें आधुनिक उत्पादन तकनीकों से परिचित कराना है। प्रशिक्षण के अंतर्गत मास्टर ट्रेनर्स द्वारा महिलाओं को आचार, पापड़, नमकीन, फिनायल, साबुन, धूपबत्ती आदि उत्पादों के निर्माण की विस्तृत जानकारी एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं में अत्यंत उत्साह देखा जा रहा है। बड़ी संख्या में महिलाएँ प्रशिक्षण में भाग ले रही हैं तथा अपने समूहों के माध्यम से भविष्य में लघु उद्योग स्थापित करने की दिशा में रुचि प्रकट कर रही हैं। इससे महिलाओं को आजीविका संवर्धन के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनने की दिशा में सशक्त पहल मिलेगी।
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कलेक्टर रणबीर शर्मा ने बताया कि इस प्रकार के प्रशिक्षण से ग्रामीण महिलाओं में उद्यमशीलता की भावना विकसित होगी तथा वे परिवार और समाज की आर्थिक उन्नति में भागीदार बनेंगी। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा है कि हर ग्राम की महिला स्वयं अपने पैरों पर खड़ी हो और स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हुए आर्थिक रूप से सक्षम बने। इस अवसर पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास विभाग तथा जनसंपर्क विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन लाइवलीहुड कॉलेज के प्रशिक्षकों द्वारा किया गया तथा प्रशिक्षार्थियों को उत्पादन के विपणन, पैकेजिंग, ब्रांडिंग और विपणन रणनीतियों की जानकारी भी प्रदान की गई। इसके साथ ही, महिलाओं को स्व-सहायता समूह के माध्यम से बैंकिंग, ऋण सुविधा, शासन की विभिन्न योजनाओं जैसे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना आदि से जोड़ने की जानकारी भी दी जा रही है ताकि वे भविष्य में अपना स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ कर सकें। प्रशिक्षण के समापन पर सफल प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाएगा।
प्रशिक्षण में शामिल महिलाओं ने बताया कि यह कार्यक्रम उनके लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहा है। उन्हें पहली बार इतने व्यवस्थित तरीके से उत्पाद निर्माण और विपणन की जानकारी मिल रही है। प्रतिभागी महिलाओं ने कहा कि अब वे अपने गांवों में आचार, पापड़, साबुन और धूपबत्ती निर्माण का कार्य प्रारंभ कर अपने परिवार की आय बढ़ाने का प्रयास करेंगी।



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