हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी इन दिनो सुर्ख़ियो में बना हुआ है । दरअसल, दिल्ली में 10 नवंबर की शाम हुए धमाकों की जांच की कड़ी अब इस यूनिवर्सिटी तक पहुंच गई है.जांच एजेंसियों को शक है कि धमाके से जुड़े कुछ सुराग यहीं से मिल सकते हैं।पहली बड़ी कड़ी सामने आई है। दिल्ली धमाके का संदिग्ध उमर मोहम्मद, जो इसी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर था। इसके बाद जांच टीम ने यूनिवर्सिटी के 52 से ज्यादा स्टाफ और छात्रों से पूछताछ की है, जबकि 6 लोगों को हिरासत में लेकर फरीदाबाद पुलिस टेरर मॉड्यूल से जुड़ी जानकारी जुटा रही है।
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अल-फलाह यूनिवर्सिटी के एक सूत्र ने बताया कि डॉ. शाहीन, डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल तीनों सीनियर डॉक्टर्स हैं. सूत्रों के मुताबिक, जिन छह लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनमें कुछ यूनिवर्सिटी के स्टाफ और रिसर्च स्कॉलर्स भी शामिल हैं। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी हैं और पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या सिरा इस यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ है।
'अल-फलाह' का अर्थ क्या है
अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम इन दिनों खबरों में बना हुआ है । ऐसे में लोगों में यह जानने की दिलचस्पी बढ़ गई है कि आखिर 'अल-फलाह' का अर्थ क्या है। दरअसल, 'अल-फलाह' एक अरबी शब्द है, जो इस्लामी संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इसका शाब्दिक अर्थ है -सफलता, समृद्धि, कल्याण, मुक्ति या सुख-शांति.
अरबी मूल:
'फलाह' शब्द का अर्थ होता है कटाई करना, फसल उगाना या संवर्धन करना. रूपक के तौर पर यह इंसान के भीतर छिपी क्षमताओं को विकसित कर जीवन में सफलता प्राप्त करने का प्रतीक है.
धार्मिक अर्थ:
इस्लामिक परंपरा में यह शब्द उस व्यक्ति के लिए प्रयोग किया जाता है जो अल्लाह के मार्ग पर चलता है और सच्ची मुक्ति या सफलता प्राप्त करता है.
अजान में प्रयोग:
अल-फलाह' शब्द का जिक्र अजान में भी आता है, जब कहा जाता है. 'हय्या अलल-फलाह', जिसका अर्थ है 'सफलता की ओर आओ.सामान्य अर्थ में 'अल-फलाह' उस पूर्ण सफलता को दर्शाता है जो इंसान को इस दुनिया और आखिरत (परलोक) दोनों में मिलती है.
11 दिन तक अल-फलाह यूनिवर्सिटी में खड़ी रही उमर की i20 कार
जांच में सामने आया है कि डॉक्टर उमर की i20 कार करीब 11 दिनों तक हरियाणा की अल-फलाह यूनिवर्सिटी परिसर में खड़ी रही थी। सूत्रों ने अनुसार यह कार 29 अक्टूबर से लेकर 10 नवंबर तक लगातार वहीं पार्क थी। तफ्तीश में यह भी पता चला है कि i20 कार 29 अक्टूबर को खरीदी गई थी, और खरीद के तुरंत बाद ही इसका प्रदूषण प्रमाणपत्र (PUC) बनवाया गया था। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को इस कार के साथ यूनिवर्सिटी कैंपस में देखा गया है। जांच एजेंसियों के अनुसार, 10 नवंबर की सुबह डॉक्टर उमर काफी घबराए हुए हाल में यूनिवर्सिटी से उसी कार को लेकर निकले थे, और कुछ घंटे बाद यही वाहन दिल्ली धमाके में इस्तेमाल किया गया।



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