जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में एक बार फिर से आश्रम और छात्रावास व्यवस्था की पोल खुल गई है। बकावंड ब्लॉक के एक आदिवासी बालक छात्रावास से बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है जानकर हर कोई चिंता में है।
यहां एक नाबालिग छात्र भोजन तैयार करते समय खौलते तेल से बुरी तरह झुलस गया। घटना के बाद से प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर क्यों आज भी सरकारी छात्रावासों में बच्चों से ऐसे खतरनाक काम करवाए जा रहे हैं।
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छात्र खुद बना रहा था भोजन
जानकारी के मुताबिक, बालक छात्रावास में रहने वाला छात्र सुमन भद्रे, जो किंजोली गांव का रहने वाला है अपने साथियों के लिए भोजन तैयार कर रहा था। इस दौरान खौलता हुआ तेल अचानक उसके ऊपर गिर गया जिससे उसका चेहरा और शरीर का एक हिस्सा बुरी तरह जल गया। इसके बाद तुरंत छात्र को जिला मुख्यालय स्थित जगदलपुर के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया जहाँ उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
आश्रमों में सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
स्थानीय ग्रामीणों और अभिभावकों ने आरोप कि छात्रावास में लंबे समय से अव्यवस्था बनी हुई है। अधीक्षक और रसोइया अक्सर अनुपस्थित रहते हैं और छात्रावास की पूरी जिम्मेदारी खुद छात्रों पर छोड़ दी जाती है। ये घटना कोई पहली नहीं है। बस्तर और उसके आसपास के इलाकों में आश्रमों और छात्रावासों की बदहाली की खबरें समय-समय पर सामने आती रही हैं। बच्चों की सुरक्षा, भोजन की गुणवत्ता और निगरानी व्यवस्था को लेकर पहले भी शिकायतें उठती रही हैं लेकिन ठोस सुधार के कदम अब तक नहीं उठाए गए।



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