रायगढ़. जिले के छिंदभौना गांव में पाम ऑयल की खेती किसानों के लिए समृद्धि का नया रास्ता बन रही है. गांव में करीब 24 एकड़ भूमि पर पाम ऑयल की फसल लगाई गई है, जिसमें लगभग 1200 पौधे लगाए गए हैं. यह फसल अब किसानों के लिए मुनाफे का बड़ा जरिया साबित हो रही है. पौधों का देखरेख करने वाला पद्मलोचन धनवार ने लोकल 18 को बताया कि उनका गोदरेज कम्पनी के साथ AMU (एग्रीमेंट मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) हुआ है. कंपनी पाम के फलों की ₹16 प्रति किलो की दर से खरीद करती है. इन फलों से कंपनी कॉस्मेटिक, रिफाइंड ऑयल, वनस्पति घी और डालडा जैसे उत्पाद तैयार करती है, जिनकी बाजार में काफी मांग रहती है.
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15 दिनों में तोड़ने लायक हो जाता है फल
खेती की विशेष बात यह है कि इसमें हर 15 दिन में फल तोड़ा जाता है, जिससे सालभर नियमित आय होती रहती है. एक पौधा औसतन करीब 2 टन फल देता है. फसल में ड्रिप सिस्टम से सिंचाई की जाती है, जिससे पानी की बचत होती है और पौधों की वृद्धि भी बेहतर रहती है. किसानों के अनुसार, इस फसल में कोई बड़ी बीमारी नहीं लगती, केवल कभी-कभी चूहे परेशान करते हैं, जिन्हें खेत की सफाई कर भगाया जाता है. मुनाफा दिखा तो 24 एकड़ जमीन पर उगाये पौधे निगरानी कर्ता ने बताया कि 2018 में पहले कुछ पौधा ही लगाया गया था, जिसके बाद पौधों से मुनाफा होने लगा तो 24 एकड़ जमीन पर लगभग 1200 पौधे लगाया गया.
पाम ऑयल की खेती से उन्हें लाखों रुपये का मुनाफा हो रहा है. यह फसल अब अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा बन रही है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस तरह की व्यावसायिक फसलों को बढ़ावा दिया जाए, तो ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार आ सकता है.



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