बिरनपुर हिंसा केस : ढाई साल बाद पहली बार गवाह अदालत में पेश

बिरनपुर हिंसा केस : ढाई साल बाद पहली बार गवाह अदालत में पेश

रायपुर :  छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित बिरनपुर सांप्रदायिक हिंसा मामले में बुधवार को करीब ढाई साल बाद पहली बार गवाह अदालत में पेश हुआ। मृतक भुनेश्वर साहू के बड़े भाई भागीरथी साहू रायपुर स्थित CBI की विशेष अदालत में गवाही देने पहुंचे। हालांकि, CBI द्वारा धाराएं बढ़ाने के लिए आवेदन प्रस्तुत करने के कारण गवाही फिलहाल कल तक के लिए टाल दी गई है। कोर्ट ने गुरुवार को सभी आरोपियों की मौजूदगी में गवाही दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं।

मामले से जुड़ी सुनवाई के दौरान CBI की ओर से बताया गया कि जांच के दौरान कई नए तथ्य सामने आए हैं, जिनके आधार पर कुछ धाराओं को संशोधित या बढ़ाया जाना आवश्यक है। इस पर बचाव पक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई, जिसके बाद अदालत ने गवाही की कार्यवाही गुरुवार तक स्थगित करने का निर्णय लिया। इस दौरान CBI द्वारा गिरफ्तार किए गए छह आरोपी भी पेशी पर कोर्ट पहुंचे। सभी छह आरोपी फिलहाल जमानत पर रिहा हैं। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि कल होने वाली सुनवाई में ये सभी आरोपी पुनः उपस्थित रहें। इसके अलावा रायपुर जेल में बंद 12 अन्य आरोपियों को भी अदालत में पेश करने के आदेश जारी किए गए हैं।

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गौरतलब है कि 8 अप्रैल 2023 को बेमेतरा जिले के साजा ब्लॉक अंतर्गत बिरनपुर गांव में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में साजा विधायक ईश्वर साहू के बेटे भुनेश्वर साहू की मौत हो गई थी। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव फैल गया था, जिसके चलते राज्य सरकार ने जांच की बागडोर CBI को सौंप दी थी। हिंसा के मामले में कुल 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से 12 आरोपी अब भी रायपुर सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि छह आरोपी जमानत पर बाहर हैं। अदालत ने पहले भी कई बार गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन विभिन्न कारणों से सुनवाई स्थगित होती रही। अब जाकर मृतक के परिवार से पहला गवाह अदालत में पेश हुआ है।

CBI की ओर से इस मामले को ‘सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील और योजनाबद्ध हिंसा’ के रूप में प्रस्तुत किया गया है। वहीं, बचाव पक्ष का कहना है कि आरोप राजनीतिक दबाव में लगाए गए हैं और घटना के वास्तविक कारणों की जांच निष्पक्ष रूप से की जानी चाहिए। सुनवाई के दौरान अदालत परिसर में सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की गई थी। पुलिस बल तैनात रहा और अदालत परिसर में केवल अधिकृत लोगों को प्रवेश की अनुमति दी गई। अदालत ने निर्देश दिया है कि कल की सुनवाई में सभी आरोपियों की मौजूदगी में गवाह भागीरथी साहू की गवाही दर्ज की जाएगी। न्यायालय ने यह भी कहा कि सुनवाई में किसी भी प्रकार की देरी न हो, इसके लिए CBI और बचाव पक्ष दोनों समय पर उपस्थित रहें। इस मामले पर राज्य भर की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि बिरनपुर हिंसा छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासनिक तंत्र दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती रही है। अब देखना होगा कि CBI की ओर से लगाए गए अतिरिक्त धाराओं पर अदालत का क्या रुख रहता है और आगे की गवाही में कौन से नए तथ्य सामने आते हैं।









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