डोंगरगढ़ पुलिस की लापरवाही एक बार फिर उजागर,नशे में दुर्व्यवहार का वीडियो वायरल

डोंगरगढ़ पुलिस की लापरवाही एक बार फिर उजागर,नशे में दुर्व्यवहार का वीडियो वायरल

डोंगरगढ़ :  कानून व्यवस्था सुधारने के तमाम प्रयासों के बावजूद डोंगरगढ़ पुलिस की लापरवाही एक बार फिर उजागर हो गई है। थाना डोंगरगढ़ में पदस्थ प्रधान आरक्षक राणा प्रसन्न गजभिए और आरक्षक गौरव सेंडे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि रात गस्त के दौरान पुलिस वाहन में सवार दोनों पुलिसकर्मी नशे की हालत में युवकों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। वीडियो सामने आते ही जिले की नई कप्तान एसपी अंकिता शर्मा ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया।

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इस कदम ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है। वायरल वीडियो ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि कप्तान की सख्ती के बावजूद निचले स्तर पर पुलिसिंग में ढील और लापरवाही जारी है। डोंगरगढ़ जिले में पिछले कई महीनों से सुस्त पुलिसिंग के कारण अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। शराब, सट्टा, अवैध कारोबार, चाकूबाजी, गैंगवार, चोरी और लूट जैसी घटनाएं आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई हैं। जिले में नए SP अंकिता शर्मा ने अपने पदभार संभालते ही अपराधियों में खौफ पैदा किया है। जिससे खुले में होने वाले अपराधों में कमी आई है।

लेकिन वायरल वीडियो ने दिखाया कि पुलिस महकमे में कुछ लोग अपनी हरकतों से कानून व्यवस्था और पुलिस की छवि को धूमिल कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो ने नागरिकों में नाराजगी भी बढ़ा दी है। लोगों ने सवाल उठाया है कि जब पुलिसकर्मी खुद नशे में हों और आम जनता के साथ दुर्व्यवहार करें, तो कानून व्यवस्था कैसे ठीक रहेगी। इसके साथ ही यह वीडियो डोंगरगढ़ पुलिस के भीतर सुधार और निगरानी के महत्व को भी उजागर करता है। एसपी अंकिता शर्मा ने स्पष्ट किया है कि किसी भी स्तर पर अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और विभाग के भीतर ऐसी हरकतों को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि निचले स्तर पर पुलिसिंग को मजबूत करना और पुलिसकर्मियों को जवाबदेह बनाना प्राथमिकता होगी। अब सवाल यह उठता है कि वायरल वीडियो के बाद विभाग में और कौन-कौन से चेहरे बेनकाब होंगे और क्या इससे डोंगरगढ़ पुलिस में लंबे समय से चली आ रही ढीली पुलिसिंग में सुधार आएगा।

प्रशासन और पुलिस महकमे की नजरें अब इस मामले पर हैं, ताकि जनता के बीच पुलिस की विश्वसनीयता और कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके। इस घटना ने यह भी संकेत दिया है कि सोशल मीडिया आज पुलिस की कार्रवाई और अनुशासन पर निगरानी रखने का एक प्रभावी माध्यम बन गया है। डोंगरगढ़ पुलिस की छवि सुधारने और अपराध नियंत्रण के लिए जल्द ही सख्त कदम उठाना अनिवार्य हो गया है।

 









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