नई दिल्ली : राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने शुक्रवार को दिल्ली आतंकी हमले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप लगाए जाने के बाद राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर से डॉ. मुजफ्फर अहमद, डॉ. अदील अहमद राठर, डॉ. मुजम्मिल शकील और डॉ. शाहीन सईद का रजिस्ट्रेशन रद कर दिया।
एनएमसी के अगले आदेश तक इन डाक्टरों को चिकित्सक के रूप में कार्य करने या किसी संस्थान में नियुक्त होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। एक सार्वजनिक नोटिस में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने डॉक्टरों के खिलाफ एफआइआर में लगाए गए आरोपों को सूचीबद्ध किया।
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कहा कि जम्मू-कश्मीर चिकित्सा परिषद के साथ पंजीकृत डॉ. मुजफ्फर अहमद, डॉ. अदील अहमद राठर और डॉ. मुजम्मिल शकील को जांच एजेंसियों द्वारा एकत्र किए गए सुबूतों के आधार पर दिल्ली बम धमाके में शामिल पाया गया है।
इस तरह का आचरण प्रथम दृष्टया चिकित्सा पेशे के सदस्यों से अपेक्षित निष्ठा और सार्वजनिक विश्वास के मानकों के प्रतिकूल है। ऐसे में भारतीय चिकित्सा परिषद (व्यावसायिक आचरण, शिष्टाचार और नैतिकता) विनियम, 2002 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
नोटिस में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर चिकित्सा परिषद ने डॉ. अहमद, डॉ. राठर, डॉ. शकील और डॉ. सईद का पंजीकरण रद करने का आदेश दिया है और कहा है कि उनके नाम उसके द्वारा बनाए गए चिकित्सकों के रजिस्टर से हटा दिए जाएं।
एएनआइ के अनुसार, सभी राज्य चिकित्सा परिषदों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने अदील अहमद राठर, मुजम्मिल शकील और शाहीन सईद को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है, क्योंकि अतीत की आतंकी गतिविधियों में भी उनका नाम आया था।



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