केला एक ऐसी फसल है, जिसकी बाजार में पूरे साल मांग बनी रहती है. इस निरंतर मांग के कारण केले की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है. यह एक ऐसी नकदी फसल है, जो किसानों को नियमित आय प्रदान करती है. केले की अधिक पैदावार के लिए किसानों को इसकी उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए. कुछ विशेष किस्में ऐसी हैं जो अच्छी उपज के साथ बढ़िया मुनाफा देकर जाती हैं. बाराबंकी जिले के रसूलपुर गांव के रहने वाले किसान अमरेश पारंपरिक खेती छोड़कर केला उगा रहे हैं. आज वे तीन से चार बीघे में केले की खेती करते हैं. एक फसल पर 3 लाख रुपये तक मुनाफा आराम से हो जाता है.
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एक बीघे में कितनी लागत
किसान अमरेश बताते हैं कि वे कैडीला केले की खेती तीन बीघे में कर रहे हैं. इस किस्म के केले की डिमांड बाजार में अधिक रहती है. एक बीघे में 25 हजार रुपये लागत आती है. मुनाफा करीब 3 लाख रुपये तक हो जाता है. जैविक विधि से तैयार केला दूसरे केले के मुकाबले काफी मीठा और स्वादिष्ट होता है. इससे उन्हें अच्छा रेट मिल जाता है. इस केले के पौधे की कीमत 16 से 17 रुपये पड़ती है. एक बीघे में 250 पौधे लगाए जाते हैं. इसकी खेती एक बार करने के बाद ये फसल दो साल तक उत्पादन देती है.
कितने दिन में तैयार
किसान अमरेश के अनुसार, केले की खेती करना काफी आसान है. पहले जुताई कर खेत बराबर कर दिया जाता है. फिर पूरे खेत में 4 से 5 फीट की दूरी पर गड्ढे खोदे जाते हैं. फिर उसमें केले के पौधे लगाए जाते हैं. फिर तुरंत इसकी सिंचाई की जाती है और उर्वरकों के साथ कीटनाशकों का छिड़काव किया जाता है. पौधा लगाने के 13 से 14 महीने बाद फसल तैयार हो जाती है.



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