गरियाबंद : पिछले कुछ वर्षों के दौरान जिले में अवैध प्लाटिंग के खेल में करोड़ों का वारा न्यारा होता रहा,जिला मुख्यालय सहित ब्लॉक मुख्यालयों के आस पास ग्रामीण क्षेत्रों साथ ही नगर सीमा क्षेत्र की कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग और अनाधिकृत कालोनी निर्माण की बाढ़ आ गई। कुछ लोगों ने एक अदद आशियाने का सपना लेकर और कुछ लोगो ने निवेश के नाम पर बगैर सोचे समझे इन कृषि भूखंडों में अपनी जमा पूंजी लगा दी, अब मामला शिकायतों और कानूनी कार्यवाही के दायरे में फंस चुका है।
आपको बता दें कि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय गरियाबंद में 11 जून 2021 एवं 09 मई 2022 तक अवैध प्लाटिंग के कुल 13 प्रकरण दर्ज किये गये थे, इन प्रकरणों में से 01 प्रकरण को पूर्व पीठासीन अधिकारी द्वारा नगर पालिका गरियाबंद क्षेत्र के अंतर्गत आने से 16 अक्टूबर 2024 को खारिज किया गया था। तब से ये एक प्रकरण कार्यालय नगर पालिका परिषद में लंबित था। नगर के एक वरिष्ठ पत्रकार ने मुख्यमंत्री से शिकायत की तब जाकर पालिका प्रशासन की नींद खुली। वरिष्ठ पत्रकार का सवाल है कि क्या इस तरह के स्थानीय मामलों की शिकायत अब मुख्यमंत्री तक करने पर ही कार्यवाही की जायेगी, स्थानीय स्तर पर की गई शिकायतों का कोई महत्व नहीं होगा ? हालांकि इसी सप्ताह वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा कलेक्टर गरियाबंद से भी उपरोक्त भूखंडों के अंतरण शीघ्र शून्य करने की मांग की गई है।
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जिले में बहुत से भू-माफियाओं ने अवैध प्लाटिंग में करोड़ो का वारा न्यारा किया, कौड़ियों की कीमत पर एकड़ के भाव कृषि भूमि खरीदी और प्लाटिंग के बाद वर्ग फ़ीट के हिसाब से करोड़ों में बेची। किसी ने इसके लिये चढ़ावे का खेल खेला और किसी ने छत्तीसगढ़ के रायपुर निवासी एक मंत्री के नाम का सहारा लिया।
इस मामले में एक से दो वर्ष पूर्व हल्का पटवारी प.ह.न.10 तहसील गरियाबंद के प्रतिवेदन के अनुसार नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड नं 15 में अनेक खसरा नंबरों का बँटाकन कर अवैध प्लाटिंग की गई है, सीधे शब्दों में भू-राजस्व संहिता के जानकार इसे अवैध कालोनी करार देते हैं।
गरियाबंद नगरीय क्षेत्र में अवैध कालोनियों के विरुद्ध कार्यवाही में विलंब और ढुलमुल प्रशासनिक रवैये को देखते हुये एक वरिष्ठ पत्रकार द्वारा इस मामले की शिकायत सीधे मुख्यमंत्री से की गई। शिकायत के अनुसार नगर पालिका परिषद गरियाबंद क्षेत्रांतर्गत भू माफियाओं द्वारा खसरा नं 166/2,209/1,208,207,166/1,160,159,158,145,146,147,133,135 पर अवैध प्लाटिंग कर मकानों का निर्माण किया जा रहा है।
गरियाबंद पालिका प्रशासन द्वारा दो से तीन वर्ष पूर्व भु माफियाओं के विरुद्ध नोटिस जारी कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली गई थी। मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद अब उपरोक्त भूखंडों पर किये गये अंतरण शून्य करने की कार्यवाही को लेकर पत्राचार किया जा रहा है।



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