रायगढ़ : किसान को पता ही नहीं चला और उसके खाते से बैंक कर्मचारी ने चार लाख रुपए उड़ा लिए। पुलिस थाने में शिकायत हुई तो एफआईआर दर्ज की गई। अपेक्स बैंक ने भी इसमें जांच के आदेश दिए हैं। इस बीच पता चला कि थाने में प्रार्थी को रुपए वापस दे दिए गए। पुलिस ने गबन के आरोपी को पकडऩे के बजाय लाइजनिंग की। यह बेहद दिलचस्प मामला है जिसमें पुलिस अपराधी को पकडऩे के बजाय प्रार्थी को रकम वापस करने का काम कर रही है। रायगढ़ में ऐसी पुलिसिंग हो रही है, जिसे सुनकर लोग चटखारे ले रहे हैं। मामला अपेक्स बैंक के रायगढ़ ब्रांच रामपुर का है।
यहां महेश राम पटेल निवासी ननसिया का एकाउंट है जिसमें करीब 24.64 लाख रुपए जमा थे। महेश बीमारी के कारण चलने-फिरने में असमर्थ है। उसके पुत्र बृजेश पटेल ने 6 नवंबर को पिता के पासबुक में एंट्री कराने गया तो पता चला कि उसके एकाउंट से चार लाख रुपए निकाले गए हैं। उसके पिता बैंक नहीं आए, बृजेश ने भी राशि नहीं निकाली तो फिर रुपए कौन निकाल ले गया। कोई चैकबुक भी जारी नहीं करवाई गई। पूछताछ में पता चला कि बैंक के ही कर्मचारी युगेश पटेल निवासी ननसिया ने दो बार में चार लाख रुपए उसके एकाउंट से निकाले हैं। कोतवाली में युगेश पटेल के विरुद्ध धारा 318 (4) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया।
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इस केस में अब एक ट्विस्ट आ गया है। प्रार्थी का एक कथित ऑडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कह रहा है कि उसको थाने से रुपए वापस मिल गए हैं। इस ऑडियो की पुष्टि केलो प्रवाह नहीं करता है लेकिन ऐसा हुआ है तो बेहद गंभीर मामला है। जिस जांचकर्ता पुलिस अधिकारी को यह केस मिला था, उसने कार्रवाई करने के बजाय समझौता कराना ज्यादा उचित समझा। प्रार्थी यह भी कह रहा है कि उसको शिकायत वापस लेने को कहा जा रहा है।
बैंक एकाउंट से रुपए निकालने के लिए आरोपी ने आधार कार्ड की फोटोकॉपी प्रस्तुत की जो छेड़छाड़ करके बनाई गई है। इसी तरह चैकबुक भी गलत तरीके से निकाली गई। इस केस में अपेक्स बैंक के डंडागार्ड और एक अन्य कर्मचारी की भूमिका बताई जा रही है। सीसीटीवी फुटेज से यह पता चल गया है कि उस समय किसने, कैसे रुपए निकाले हैं। अपेक्स बैंक अपनी कार्रवाई कर रहा है।
कम्युनिटी पुलिसिंग का ऐसा उदाहरण शायद ही किसी जिले में दिखेगा। कोतवाली थाने के संवेदनशील पुलिसकर्मी ने गबन के प्रमाणित केस में आरोपी से राशि लेकर प्रार्थी को वापस करवा दी। इसके बाद कार्रवाई क्या हुई, कौन देख रहा है। रायगढ़ ब्रांच में ऐसा गबन का मामला सामने आते ही नोडल कार्यालय को पता चला। इस पर तुरंत जांच के आदेश दिए गए हैं।



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