बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक रिटायर्ड अफसर और उनके परिवार के खिलाफ उनके बेटे की इंटरकास्ट शादी को लेकर समाज से बाहर करने का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद रिटायर्ड अफसर कमल किशोर परवार ने पनिका समाज के प्रांतीय पदाधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, और पुलिस ने समाज प्रमुख जेआर साकत, थानू राम बघेल, दशरथ साकत और वंशधारी सांवरा के खिलाफ FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। यह मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है। जानकारी के अनुसार, बिलासपुर के तारबाहर क्षेत्र में रहने वाले कमल किशोर परवार कलेक्टर ऑफिस में अधीक्षक रहे हैं और अब रिटायर हो चुके हैं। उनके बेटे हितेश परवार ने 4 नवंबर 2024 को साहू समाज की युवती ऋचा साहू से इंटरकास्ट शादी की। रिटायर्ड अफसर का आरोप है कि इसके बाद पनिका समाज के प्रांतीय पदाधिकारियों ने उन्हें और उनके परिवार को समाज से बाहर कर दिया। उनके अनुसार अब परिवार को किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में बुलाया नहीं जाता और समाज में उनका बहिष्कार किया गया है।
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रिटायर्ड अफसर ने बताया कि बेटे की शादी के बाद उन्होंने बहू को पनिका समाज में शामिल करने के लिए जिला पनिका समाज के अध्यक्ष को आवेदन दिया था। 1 दिसंबर 2024 को दीनदयाल गार्डन, व्यापार विहार में जिला और प्रांतीय पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक हुई। बैठक में यह सहमति बनी कि ऋचा साहू को समाज में शामिल किया जा सकता है। इस बैठक में पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष जेआर साकत, प्रांतीय उपाध्यक्ष दशरथ साकत, जिला अध्यक्ष शिव मोंगरे, शहर अध्यक्ष दीपचंद सहित कई सामाजिक प्रतिनिधि मौजूद थे। इसके बावजूद, शादी मिलान कार्यक्रम के लिए तय दो तारीखों में प्रांतीय पदाधिकारी शामिल नहीं हुए। इसके बाद 1 फरवरी को जिला अध्यक्ष और लगभग 70-80 समाज के सदस्यों की मौजूदगी में शादी मिलान संपन्न हुआ। 2 मार्च को शादी का रिसेप्शन भी आयोजित किया गया। लेकिन जब प्रांतीय पदाधिकारियों को इसका पता चला, तो उन्होंने पूरे परिवार को समाज से बाहर कर दिया।
रिटायर्ड अफसर के अनुसार, 1 मार्च 2025 को मुंगेली रोड पर हुई बैठक में पूर्व अध्यक्ष जेआर साकत, प्रांतीय अध्यक्ष वंशधारी सांवरा, उपाध्यक्ष दशरथ साकत, प्रांतीय सचिव थानू राम बघेल और प्राणनाथ साकत ने न केवल परवार परिवार को, बल्कि शादी मिलान कार्यक्रम में मदद करने वाले बिलासपुर के कई सामाजिक सदस्यों को भी समाज से निष्कासित कर दिया। इससे उनके परिवार और सहयोगियों की समाज में बदनामी हुई है। अब परिवार किसी रिश्तेदार के खुशी या शोक के कार्यक्रम में नहीं जा पा रहा, और रिश्तेदार भी उन्हें बुलाने से कतराने लगे हैं। इस मामले में पुलिस ने समाज के चार प्रांतीय पदाधिकारियों जेआर साकत, दशरथ साकत, वंशधारी सांवरा और थानू राम बघेल के खिलाफ सिविल लाइन थाना में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और समाज में उत्पन्न तनाव को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रही है। परिवार के अनुसार, उनका यह कदम समाज में न्याय और समानता की मांग को लेकर उठाया गया है। समाज के बाहर किए जाने से उनके परिवार को सामाजिक बहिष्कार, कार्यक्रमों में असहमति और प्रतिष्ठा को हानि पहुंची है। पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया है कि मामले की पूरी निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने बिलासपुर में सामाजिक विवाद और इंटरकास्ट मैरिज के मुद्दे को लेकर व्यापक चर्चा को जन्म दिया है। समाज में समानता और पारिवारिक अधिकारों की सुरक्षा की मांग उठ रही है। मामले के न्यायपूर्ण निपटारे के लिए प्रशासन सतर्क है और जांच पूरी पारदर्शिता के साथ जारी है।



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