बिलासपुर में 48वां रावत नाचा महोत्सव: पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे सीएम साय, ढोल-नगाड़ों पर कलाकारों संग थिरके

बिलासपुर में 48वां रावत नाचा महोत्सव: पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे सीएम साय, ढोल-नगाड़ों पर कलाकारों संग थिरके

रायपुर : बिलासपुर के लाल बहादुर शास्त्री स्कूल मैदान में 15 नवंबर को 48वें रावत नाचा महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। सीएम विष्णुदेव साय लाल बहादुर शास्त्री शाला प्रांगण पहुंचे, जहां महोत्सव के संरक्षक श्री कालीचरण यादव एवं समिति के पदाधिकारियों ने उन्हें पुष्पहार पहनाकर आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री एवं अतिथियों ने भगवान श्रीकृष्ण के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री सहित कई गणमान्य अतिथि शामिल

महोत्सव में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव, तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह, बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला, चंद्रपुर विधायक रामकुमार यादव, कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव, मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया और महापौर पूजा विधानी सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे, बड़ी संख्या में दर्शकों ने भी महोत्सव का आनंद लिया।

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रावत नाचा हमारी सांस्कृतिक धरोहर- सीएम साय

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पारंपरिक रावत नाचा वेशभूषा में मंच पर पहुंचे और कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा, 'यदुवंशी समाज वह समाज है, जहां प्रभु श्रीकृष्ण ने जन्म लिया। छत्तीसगढ़ की नृत्य-गायन परंपरा हमारी सांस्कृतिक समृद्धि और एकता का सजीव प्रतीक है।' उन्होंने ‘तेल फूल में लइका बाढ़े…’ दोहा गाकर समाज को आशीर्वचन भी दिया।

केन्द्रीय मंत्री, उप मुख्यमंत्री और जनप्रतिनिधियों ने दी शुभकामनाएँ

केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने रावत नाचा को यदुवंशी समाज के शौर्य और कला का अनुपम प्रदर्शन बताया। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि '48 वर्षों से इस गौरवशाली परंपरा को जीवित रखना समाज की एकजुटता और सांस्कृतिक गर्व का प्रतीक है।' वहीं बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल ने इसे बिलासपुर की महत्वपूर्ण सांस्कृतिक धरोहर बताया। और स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने कहा कि यह आयोजन बिलासा की धरती के लिए सौभाग्य की बात है।

रावत नाचा की विरासत पर बोले संरक्षक

महोत्सव के संरक्षक डॉ. कालीचरण यादव ने स्वागत भाषण में बताया कि रावत नाचा महोत्सव पिछले 47 वर्षों से यदुवंशी समाज की सांस्कृतिक पहचान का मजबूत प्रतीक रहा है।

कलाकारों के बीच पहुंचे सीएम साय, ढोल-नगाड़ों पर थिरके
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पारंपरिक वेशभूषा में राउत नाचा दलों के बीच पहुंचे और ढोल-नगाड़ों की गूंजती धुन पर कलाकारों के साथ झूम उठे। उन्होंने नर्तक दलों की मनमोहक प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि, 'रावत नाचा जैसी सांस्कृतिक धरोहर आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी और हमारी परंपराओं को सजीव बनाए रखेगी।









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