प्रत्येक महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर प्रदोष व्रत मनाया जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक को मनोवांछित फल मिलता है। साथ ही भगवान शिव और देवी मां पार्वती की कृपा साधक पर बरसती है।
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ज्योतिष भी कुंडली में व्याप्त अशुभ ग्रहों के प्रभाव को समाप्त करने के लिए त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव और देवी मां पार्वती की पूजा करने की सलाह देते हैं। इस समय आर्थिक स्थिति अनुसार विभिन्न चीजों (दूध, दही,सामान्य जल, गंगाजल, पंचामृत और घी) से भगवान शिव का अभिषेक करें। आइए, दिन अनुसार त्रयोदशी तिथि पर व्रत रखने के लाभ जानते हैं।
प्रदोष व्रत के लाभ



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