किरंदुल : व्यापारियों के बीच एक बड़ा विवाद सामने आया है। बैलाडीला व्यापारी कल्याण संघ ने ‘किरंदुल चैंबर ऑफ कॉमर्स एसोसिएशन’ के नाम से गठित नई सेक्शन-8 कंपनी पर फर्जी चुनाव कराने, बिना सहमति के नाम बदलने और कंपनियों अधिनियम के गंभीर उल्लंघन का आरोप लगाया है। बैलाडीला व्यापारी कल्याण संघ के अध्यक्ष संदीप साव, पूर्व अध्यक्ष मनोज छालीवाल, बबलू सिद्दीकी तथा अन्य पदाधिकारियों ने रविवार को प्रेस को जारी बयान में कहा कि मूल रूप से अनपंजीकृत ‘किरंदुल व्यापारी कल्याण संघ’ का नाम बिना सदस्यों की सहमति और कानूनी प्रक्रिया के बदलकर ‘किरंदुल चैंबर ऑफ कॉमर्स एसोसिएशन’ कर सेक्शन-8 कंपनी बनाई गई है।
मुख्य आरोप इस प्रकार हैं:
कंपनी अस्तित्व में आने से पहले ही फर्जी चुनाव
MCA (Ministry of Corporate Affairs) रिकॉर्ड के अनुसार यह कंपनी 27 अक्टूबर 2025 को पंजीकृत हुई, लेकिन इसके पहले ही 15 सितंबर 2025 को कथित चुनाव करा लिया गया। उस समय कंपनी का कोई कानूनी अस्तित्व ही नहीं था। 412 सदस्यों में से 390 ने मतदान किया बताया जा रहा है। यह कंपनियों अधिनियम 2013 की धारा 7, धारा 8, धारा 447 एवं 448 का स्पष्ट उल्लंघन है।
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बिना सहमति और MCA फाइलिंग के नाम परिवर्तन अवैध
किसी अनपंजीकृत संघ को सीधे सेक्शन-8 कंपनी में परिवर्तित नहीं किया जा सकता। नाम परिवर्तन के लिए कम से कम 75% सदस्यों की सहमति और MCA में उचित फाइलिंग अनिवार्य है, जो नहीं की गई।
18 नवंबर को प्रस्तावित शपथ ग्रहण पूरी तरह अवैध
चूंकि चुनाव ही कंपनी के गठन से पहले कराया गया था, इसलिए चुने गए पदाधिकारी/निर्देशक (Directors) का पद शून्य है। इनके द्वारा बैंक खाता खोलना, लाइसेंस लेना या कोई सरकारी कार्य करना पूरी तरह गैर-कानूनी होगा।
तीन संगठनों का भ्रम – व्यापारियों में विभाजन
अब किरंदुल-बैलाडीला क्षेत्र में तीन अलग-अलग संगठन हो गए हैं:
पुराना किरंदुल व्यापारी कल्याण संघ (अनपंजीकृत) नया फर्जी ‘किरंदुल चैंबर ऑफ कॉमर्स एसोसिएशन’ वैध एवं सक्रिय ‘बैलाडीला व्यापारी कल्याण संघ’ इसके कारण फंड का बंटवारा, MSME योजनाओं में भ्रम और व्यापारियों में गहरी विभाजन की स्थिति बन गई है।
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राजनीतिक लोगों को गुमराह करने का भी आरोप
बैलाडीला व्यापारी कल्याण संघ ने आरोप लगाया कि 18 नवंबर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में सांसद महेश कश्यप एवं विधायक चैतराम अटामी को बिना पूरी जानकारी दिए आमंत्रित किया गया है। उन्होंने दोनों नेताओं से इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि यह घोटाला क्षेत्र के 400 से अधिक व्यापारियों की एकता और उनकी वर्षों की मेहनत पर खतरा है। उन्होंने सभी व्यापारियों से एकजुट होने और कानूनी कार्रवाई का समर्थन करने की अपील की है। इस मामले में जिला प्रशासन, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज और पुलिस से भी शीघ्र हस्तक्षेप की मांग की गई है।



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