नवंबर में इस दिन मनाई जाएगी मार्गशीर्ष माह की दुर्गाष्टमी,इस तरह करें देवी मां की पूजा-अर्चना

नवंबर में इस दिन मनाई जाएगी मार्गशीर्ष माह की दुर्गाष्टमी,इस तरह करें देवी मां की पूजा-अर्चना

 मार्गशीर्ष माह की दुर्गाष्टमी 28 नवंबर को मनाई जाएगी।कई साधक इस दिन व्रत और देवी मां की पूजा-अर्चना करते हैं। इससे जीवन में शुभ परिणाम मिलने लगते हैं। साथ ही जीवन की कई समस्याओं का निवारण भी होता है। इस दिन पर आपको पूजा के दौरान नवदुर्गा स्तोत्रम् करने से देवी मां की कृपा की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में चलिए पढ़ते हैं नवदुर्गा स्तोत्रम्।

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॥ नवदुर्गा स्तोत्रम् ॥

॥ देवी शैलपुत्री ॥

वन्दे वाञ्छितलाभायचन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढाम् शूलधरांशैलपुत्री यशस्विनीम्॥1॥

॥ देवी ब्रह्मचारिणी ॥

दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयिब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥2॥

॥ देवी चन्द्रघण्टा ॥

पिण्डजप्रवरारूढाचन्दकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम्चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥3॥

मासिक दुर्गाष्टमी को पूर्ण रूप से मां दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित माना गया है। इस दिन विधिवत रूप से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। इससे साधक को पारिवारिक समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है और जीवन में सुख-समृद्धि औबनी रहती है।

॥ देवी कूष्माण्डा ॥

सुरासम्पूर्णकलशम्रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्याम्कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥4॥

॥ देवी स्कन्दमाता ॥

सिंहासनगता नित्यम्पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवीस्कन्दमाता यशस्विनी॥5॥

जो साधक नियमित रूप से मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत करता है उसके व उसके परिवार के ऊपर देवी दुर्गा की विशेष कृपा बनी रहती है। साथ ही इससे जीवन में आ रही सभी बाधाएं भी धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं।

॥ देवी कात्यायनी ॥

चन्द्रहासोज्ज्वलकराशार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्यादेवि दानवघातिनी॥6॥

॥ देवी कालरात्रि ॥

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णीतैलभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णाकालरात्रिर्भयङ्करी॥7॥

॥ देवी महागौरी ॥

श्र्वेते वृषे समारूढाश्र्वेताम्बरधरा शुचि:।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥8॥

मासिक दुर्गाष्टमी के दिन पूजा के दौरान नवदुर्गा स्तोत्रम् का पाठ जरूर करना चाहिए। इस स्तोत्र को बेहद कल्याणकारी माना गया है, जिसके पाठ से साधक को देवी मां का विशेष आशीर्वाद मिलता है। साथ ही मनोकामनाओं की भी पूर्ति होती है।

॥ देवी सिद्धिदात्रि ॥

सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात्सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥9॥
॥ इति श्री नवदुर्गा स्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥









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