गेहूं की बुवाई से पहले बीज का जमाव जांचना किसानों के लिए बेहद जरूरी है. बिना जांच किए हुए बुवाई में खराब जमाव से खेत में खाली जगहें रह सकती हैं, जिससे उपज पर नकारात्मक असर पड़ता है. सही बीज दर और उपज सुनिश्चित करने के लिए यह कदम अनिवार्य है.
किसानों के लिए किसी भी फसल से अच्छा उत्पादन और अधिक आय के लिए बीज का बेहतर जमाव बेहद आवश्यक है. उत्तम जमाव वाले बीज से ही स्वस्थ और मजबूत पौधे तैयार होते हैं. वर्तमान में गेहूं की बुवाई के समय किसान बीज की अंकुरण क्षमता की जांच अवश्य करें.
कृषि विशेषज्ञ डॉ. एनपी गुप्ता के अनुसार, गेहूं की बुवाई से पहले बीज का जमाव जांचना बहुत ज़रूरी है. इससे किसान बीज की सही मात्रा निर्धारित कर पाते हैं. बिना जांच के बुवाई करने पर जमाव कम होने से खेत में पौधों के बीच दूरी बढ़ जाती है और खाली जगहें रह जाती हैं, जो उपज घटाने का कारण बनती हैं.
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गेहूं के बीज का जमाव जांचने के लिए किसान एक तिहाई मिट्टी, एक तिहाई बालू और एक तिहाई सड़ी हुई गोबर की खाद को मिलाएं. इस मिश्रण को एक छोटी क्यारी या ट्रे में फैला दें. यह मिश्रण बीज के अंकुरण के लिए आदर्श माध्यम प्रदान करता है और किसान आसानी से बीज की वास्तविक जमाव क्षमता का आकलन कर सकता है.
किसान गेहूं के 50 या 100 बीज गिनकर तैयार क्यारी या ट्रे में बुवाई कर दें. 5 से 7 दिन में बीज अंकुरित होने लगेंगे. इसके बाद किसान गिन सकते हैं कि बोए गए दानों में से कितने प्रतिशत अंकुरित हुए. इस सरल प्रक्रिया से बीज की गुणवत्ता और जमाव क्षमता का सटीक पता चलता है.
यदि बीज का जमाव 80% आता है, तो किसानों को निर्धारित बीज दर में 20% की वृद्धि करनी चाहिए. उदाहरण के लिए, सामान्य बीज दर 100 किलो है तो 120 किलो बीज बुवाई में डालें. इससे खेत में पौधों की संख्या पर्याप्त रहेगी और अच्छी उपज सुनिश्चित होगी.
गेहूं की बुवाई से पहले बीज उपचार एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है. यह भूमि जनित और बीज जनित रोगों से पौधों की सुरक्षा करता है. बीज शोधन के लिए प्रति किलो बीज 2-2.5 ग्राम कैप्टान और थीरम या 2.5 ग्राम बावस्टीन का उपयोग करें.



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