नई दिल्ली : बिहार चुनाव के बाद निर्वाचन आयोग मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) का दूसरा चरण करवा रहा है। दूसरे चरण में एसआईआर की प्रक्रिया 12 राज्यों में शुरू हो चुकी है। इसके तहत हर पोलिंग बोथ में बूथ लेवल अधिकारी (BLO) मतदाताओं को घर-घर जाकर गणना प्रपत्र (Enumeration Form) उपलब्ध करा रहे हैं, जिसमें इस बार मोबाइल नंबर भी मांगा जा रहा है। SIR के बहाने साइबर ठग भी एक्टिवेट हो गए हैं, जिन्हें लेकर चुनाव आयोग ने एडवायरजरी जारी की है।
निर्वाचन आयोग ने देशभर के वोटर्स के लिए चेतावनी जारी की है। इसमें साफ तौर पर गया गया है कि SIR फॉर्म भरने के दौरान किसी भी प्रकार के वन-टाइम पासवर्ड (OTP) कीआवश्यकता नहीं होती है।इसके साथ इस प्रक्रिया के लिए फोन में किसी तरह की ऐप या APK फाइल इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं होती है।
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OTP और APK फाइल से सावधान
चुनाव आयोग का कहना है कि साइबर अपराधी SIR फॉर्म के बहाने मतदाताओं को निशाना बना रहे हैं। यहां हम आपको स्कैमर्स के तरीकों के बारे में बता रहे हैं।
फर्जी कॉल और OTP : साइबर ठग खुद को BLO या निर्वाचन आयोग का कर्मचारी बताकर वोटर्स को कॉल कर रहे हैं। वे फोन करके कहते हैं कि एसआईआर में आपका मोबाइल नंबर या दूसरी जानकारी अपडेट नहीं है। इसके बाद एसआईआर प्रोसेस को पूरा करने के लिए वे बाद में ओटीपी की मांग कर लोगों को चूना लगा रहे हैं।
फेक APK फाइल: स्कैमर्स मैसेज या वॉट्सऐप पर मतदाताओं को SIR या Voter Helpline नाम से फर्जी APK (Android Application Package) फाइल का लिंक भेज रहे हैं। इस ऐप के फोन में इंस्टॉल होते ही स्कैमर्स फोन का पूरा कंट्रोल हासिल कर लेते हैं। वे फोन को एक्सेस कर सारा डेटा चुरा लेते हैं। यहां तक कि आपका बैंक बैलेंस खाली कर सकते हैं।
SIR स्कैम से कैसे बचें?
OTP साझा न करें: SIR फॉर्म भरने यामतदाता जानकारी अपडेट करने के लिए ओटीपी की जरूरत नहीं होती है। ऐसे में कोई आपसे एसआईआर के नाम से ओटीपी मांग रहा हैं तो कॉल डिस्कनेक्ट कर उन्हें मना कर दें। अगर आपको बार-बार कॉल या वॉट्सऐप मैसेज आ रहे हैं तो तुरंत पुलिस को जानकारी दें।
फेक APK या ऐप से बचें: SIR के नाम से वॉट्सऐप या मैसेज में मिले किसी भी ऐप लिंक या एपीके फाइल को फोन में इंस्टॉल न करें। इन तरीकों से आप स्कैमर्स से बच सकते हैं।



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