कवर्धा : जिले के रेंगाखार जंगल स्थित माध्यमिक और हाईस्कूल परिसर में शुक्रवार दोपहर उस समय हड़कंप मच गया जब छात्रावास में रहने वाली तीन छात्राएं अचानक चीखते हुए बेहोश होकर गिर पड़ीं। दोपहर करीब 12.30 बजे हुई इस घटना के बाद छात्राओं को तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार तीनों छात्राएं जोर-जोर से रो रही थीं, हाथ-पैर कांप रहे थे और सिर पकड़कर चिल्ला रही थीं। लगातार चीखने से छात्रावास में अफरा-तफरी मच गई।
डॉक्टर समझ नहीं पाए स्थिति, अधीक्षिका ने बुलाया बैगा
पीएचसी में मौजूद नए डॉक्टर ने छात्राओं की स्थिति देखकर कुछ मिनट इलाज किया, लेकिन कारण समझ नहीं आने पर वहां से चले गए। इसी दौरान छात्रावास की अधीक्षिका राधिका खुसरे अस्पताल पहुंचीं और दावा किया कि छात्राओं पर भूत-प्रेत का साया है। इसके बाद उन्होंने एक कथित बैगा को बुलाया।
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बैगा ने अस्पताल के एक कोने में बैठकर पहले टोटका किया और फिर छात्राओं पर झाड़-फूंक करने लगा। लगभग दो घंटे तक यह सिलसिला चलता रहा, लेकिन छात्राओं की हालत में कोई सुधार नहीं आया।
बोड़ला बीएमओ डॉ. पुरुषोत्तम राजपूत ने कहा कि अस्पताल में इस तरह के टोटके बिल्कुल गलत हैं। मामले की जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी।
5 दिनों में तीसरी घटना
जानकारी के अनुसार, पिछले 5 दिनों में यह तीसरी ऐसी घटना है। 15–16 नवंबर को भी 8–10 छात्राएं बेहोश हुई थीं। तब भी अधीक्षिका ने इसे भूत-प्रेत की बाधा बताकर छात्राओं को घर भेज दिया था। स्कूल में भी 2–3 बार इसी तरह की घटनाएँ हो चुकी हैं।
छात्रावास में लगातार हो रही इन अजीब घटनाओं से अन्य छात्राएं भयभीत हैं। शुक्रवार को भी जब अभिभावकों को जानकारी लगी, तो वे अस्पताल पहुंचे और अपनी बेटियों को घर ले गए।
अधीक्षिका का दावा
अधीक्षिका राधिका खुसरे का कहना है कि यह भूत-प्रेत का साया है और वह झाड़फूंक जानती हैं। कई बार ऐसे मामलों को ठीक कर चुकी हैं।



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