जादवपुर विश्वविद्यालय में मचा बवाल,अल्ट्रा लेफ्ट छात्र संगठन ने नक्सली हिड़मा, कोटेश्वर राव को बताया शहीद

जादवपुर विश्वविद्यालय में मचा बवाल,अल्ट्रा लेफ्ट छात्र संगठन ने नक्सली हिड़मा, कोटेश्वर राव को बताया शहीद

कोलकाता :  एक अल्ट्रा-लेफ्ट (अतिवादी) छात्र संगठन रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट्स फ्रंट (आरएसएफ) ने अपने स्टेट कांफ्रेंस में स्थान का नाम सुरक्षा बलों द्वारा मुठभेड़ में मारे गए कुख्यात नक्सली कमांडर के नाम पर रखकर विवाद खड़ा कर दिया।कांफ्रेंस की शुरुआत कोलकाता स्थित जादवपुर विश्वविद्यालय में तीन खतरनाक माओवादियों के लिए एक मिनट का मौन रखकर हुई थी- जिन्हें आरएसएफ ने शहीद बता दिया।

इस घटना से विश्वविद्यालय में हंगामा मच गया। मालूम हो कि लेफ्ट संगठनों में यह रिवाज है कि वे अपने कांफ्रेंस या प्रोग्राम की जगहों का नाम मरे हुए लोगों और पुराने नेताओं के नाम पर रखते हैं। इस बारे में वाइस-चांसलर चिरंजीब भट्टाचार्य की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।

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विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संगठन को नियमों के मुताबिक कांफ्रेंस के लिए अनुमति दी गई थी। हमें नहीं पता था कि कांफ्रेंस के दौरान क्या होगा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रोग्राम के बारे में इनपुट इकट्ठा किए गए हैं।

कांफ्रेंस में जादवपुर का नाम 'हिड़मा नगर', कोलकाता का नाम 'कोटेश्वर राव नगर' और आडिटोरियम का नाम 'बसवराजू आडिटोरियम' रखा गया। मालूम हो कि नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा 18 नवंबर को आंध्र प्रदेश में सुरक्षा बल के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया।

नक्सल महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू मई छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में एक एनकाउंटर में मारा या। नक्सली कमांडर कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी 2011 में बंगाल के जंगलमहल में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था।

आरएसएफ के महासचिव तथागत राय चौधरी ने दावा किया कि नामकरण सिर्फ एक प्रतीकात्मक बात थी और कांफ्रेंस में ऐसी कोई चर्चा या बहस नहीं हुई जिससे किसी अलगाववादी और देश-विरोधी गतिविधियों का पता चले।









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