एनआईटी चौपाटी विवाद में कांग्रेस ने भाजपा को दी खुली चुनौती

एनआईटी चौपाटी विवाद में कांग्रेस ने भाजपा को दी खुली चुनौती

रायपुर: छत्तीसगढ़ के एनआईटी चौपाटी विवाद का मामला शांत नहीं हो रहा है। कांग्रेस ने इस मामले को बीजेपी को खुली चुनौती दी है। पूर्व कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय का कहना है कि फूड कोर्ट को राजनीतिक बदले की भावना के कारण हटाया गया है।कमीशनखोरी के आरोप में उन्होंने कहा कि मैं भाजपा नेताओं, डेप्युटी सीएम अरुण साव, विधायक राजेश मूणत और रायपुर की मेयर को चुनौती देता हूं कि वह आकर मुझसे बहस कर लें।

दस्तावेज दिखाने को तैयार

उन्होंने कहा कि महापौर मीनल चौबे को चुनौती देते हुए कहा कि वो तारीख और समय बताएं, कांग्रेस तथ्य और दस्तावेजों के साथ खुली बहस के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं की हठधर्मिता ने एक व्यवस्थित, सफल और लोकप्रिय फूड कोर्ट को तबाह कर दिया। उन्होंने कहा कि यहां हजारों छात्र, युवा और पास के शैक्षणिक संस्थानों के लोग रोज़ाना आते थे। व्यापारियों को रोजगार मिला था लेकिन उसे तोड़ दिया गया।

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उन्होंने कहा कि फूड कोर्ट के खिलाफ पूर्व मंत्री राजेश मुणत द्वारा दायर याचिका को हाई कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका था। कोर्ट ने माना कि फूड कोर्ट का निर्माण कानूनी तरीके से हुआ था और उस पर आपत्ति का कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि कभी मास्टर प्लान का हवाला देते हैं, तो कभी बताते हैं कि जमीन खेल विभाग की है। जबकि खेल विभाग ने खुद नगर निगम को लिखित में दिया था।

भाजपा नेताओं ने खुद दुकान मांगी थी

विकास उपाध्याय ने गंभीर आरोप लगाया कि विधायक राजेश मूणत और महापौर मीनल चौबे ने अपने कार्यकर्ताओं के लिए फूड कोर्ट में दुकानें मांगी थीं। उन्होंने कहा- "जब भाजपा नेता खुद दुकान मांग रहे थे, तब फूड कोर्ट वैध था। अचानक यह कैसे अवैध कैसे हो गया? यह भाजपा की दोहरी नीति को दिखाता है।"

साइंस कॉलेज में बनी थी चौपाटी

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान के पास NIT चौपाटी का निर्माण किया गया था। इस चौपाटी का निर्माण कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ था। चौपाटी के निर्माण से ही बीजेपी नेता राजेश मूणत इसके खिलाफ थे। करीब 10 करोड़ की लागत से साइंस कॉलेज के पास 60-70 दुकानें बनाई गई थीं। अब इश चौपाटी के आमानाक शिफ्ट किया गया है। व्यापारी इसके विरोध में हैं।









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