मुखिया के मुखारी -पक्ष -विपक्ष मस्त,छत्तीसगढ़िया पस्त है 

मुखिया के मुखारी -पक्ष -विपक्ष मस्त,छत्तीसगढ़िया पस्त है 

अपने प्रतिबिम्ब को महिमामंडित कर देश की सबसे बड़ी तस्वीर बताने वाले भूल जातें है की प्रतिबिम्ब परजीवी होता है ,छत्तीसगढ़ में नया सगल चल रहा की हर कोई अपने शक्ल को सर्वव्यापी बता रहा, विधायक रेत की वसूली में गिरोह सहित सक्रिय हैं, दुसरे विधायक पर कागजों की कूटरचना सहित 420 का मामला दर्ज है, न्यायालय से 6 हफ़्तों की मोहलत है, तीसरी पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र का आरोप है, कई विधायक एवं पूर्व विधायक नामजद आरोपी है, कई जेल में तो कई जेल की देहरी में खड़ें हैं, ये माननीय कुछ दिन में विधानसभा का मान बढ़ाएंगे, कानून बनाएंगे ,पुलिस जुआ सट्टा खिलाती है, अपराधियों को संरक्षण देती है ,जिसके खुद के अधिकारी जांचो से घिरे हैं ,जिनकी कड़क वर्दी के नीचे ढीली लंगोट के चर्चे हैं, वों सब आज भी जाँच अधिकारी है, दागदार वर्दी वाले दाग ढूढेंगें नए, इस उम्मीद पर पुलिस प्रशासन जीवित है । विभागों में पुरानी सड़ांध इतर की खुशबू से दबाई जा रही, सारे माननीयों के मान में आरोपों का पैमाना है, किसीके गिरेबाहं तक नहीं कानून का निशाना है, सूदखोर ,अपराधी, हत्यारे लोहा चोर पार्षदीय, विधायकी की आस में जी रहे, कुछ तो कुर्सी की शोभा बढ़ा रहे, सूदखोर राजधानी में राऊडी तोमर बनने की चाह में हैं ,जिन्हें उनका अपराध नही दिख रहा उन्हें उसकी बेहिसाब संपत्ति नही दिख रही होगी? पर ठेले वाले का बेहिसाब सोने का भौंडा प्रदर्शन न दिखा हो ऐसा तो हो नही सकता।

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पत्रकार जन मुद्दों से ज्यादा अपने मुद्दों पर केन्द्रित है, मै ,मेरा ,मै विशिष्ट यही उनका परिशिष्ट है, नारी शक्ति के आगे ख़ामोशी कईयों के लिए बेहतर विकल्प है, किसी के मिरर में अपनी ही छवि सर्व श्रेष्ठ है, पूर्व सियान का भी यही अभियान है, चिरंजीवी चार दिवारी में खुद नामजद आरोपी हैं, संगी साथी कृष्ण जन्मभूमि में प्रायश्चित कर रहे, पर खुद का चित बेकाबू है ,तुलना की गई या करवाई गई ये भी बड़ा सवाल है? पत्रकारों के पत्रकार होने का भी बड़ा बवाल है, एकांगी बुद्धि लेकर कोई कैसे बुद्धजिवी कहा जाता है? बुद्धजीवी कहने वालो के बुद्धि पर तरस आता है ,अर्थ के आगे सब अर्थहीन है, तथ्य उनके गुलाम कथ्य उनके ही सही हैं, संविधान में तो लगता है सिर्फ अधिकार ,अधिकार और अधिकार ही है, कर्तव्यों की कहीं कोई जगह नही है ।अपराध के पैसों से सबकुछ ख़रीदा जा रहा ,सच भी रोज नीलाम हो रहा ,छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ की अस्मिता दांव पर हैं, छत्तीसगढ़िया ,परदेशिया का तनाव है, शोर तो बहुत है छत्तीसगढ़िया हितों की पर वों तीजा और गेड़ी तक सीमित है, जलवा तो छठ और ईद का ही है ,दाऊ दलाल गिरोह इसकी बानगी है, फर्जी डिग्री ,फर्जी भर्ती ,फर्जी दवा दारु, फर्जी मुआवजा,फर्जी की ही पूरी अर्जी है, पर न जाने सरकार की क्या मर्जी है।

41 कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों की सूची जारी हो गई, पाकिस्तान से भारत को हराने वाले यू डी मिंज जशपुर में सबपर भारी हो गए, सुकमा में लखमा का लक चल गया ,जिनके घर छापे पड़े उनका दुर्ग भिलाई में जलवा बन गया, झीरम की जाँच हो न हो राजनांदगांव में पद पर आंच नही आएगी ,विधायकों को जिला अध्यक्षी दे पार्टी का विस्तार करना है, हारों को पद दे ,नए नेताओं को मनोयोग से काम करने कहना है ,ये जो सुर तान में छत्तीसगढ़िया तान जो गाया जाता है ,उसे अपनी सूची में कितना निभाया जाता है ? जनता को बरगलाने के लिए मुंह के बोल छत्तीसगढ़िया और कागज के बोल में फिर वही गैर छत्तीसगढ़िया जिस मापदंड में छत्तीसगढ़िया ,छत्तीसगढ़िया का नारा लगाते हो बताओं उस मापदंड के बाहर तुम्हारी सूची में कितने बाहरी हैं, छत्तीसगढ़िया क्यों उनके दरवाजे के बाहर करे प्रतीक्षा?  यदि तुम्हारी सूची शुद्ध छत्तीसगढ़ियों की है तो फिर इस मुद्दे पर आगे से युद्ध नही करोगे ? उम्मीदवारी के वक्त तेली ,कुर्मी ,अगड़े ,पिछड़े वाला जाति कार्ड नही खेलोगे ? वार्ड -वार्ड में ऐसे ही छत्तीसगढ़ियों को टिकिट दोगे, दांत दिखाने और खाने के अलग -अलग गजराज के होतें हैं ,गणराज में नही, गण को राज राजनीति का पता हो जाए तो फिर राज राज ही रह जाता है, सत्ता दूर और राजनीति में फिर विपक्ष वाला किरदार ही हांथ आता है, सियार रंगे हुए औरों को रंग रहे, टोली की बोली अराजकता को आमंत्रित कर रही, पर सरकार सुप्त है या फिर गुप्त राह ढूंढ रही?  राजनीति की ये कैसी चाल है ,सबकी चाल बेमिसाल पर जनता को मलाल ही मलाल है, राजनीति दौंड़ रही, नैतिकता छुट रही, आस न कोई फिर भी विकास की आस है ,चाह राजनीति की आह भर रही, छत्तीसगढ़िया सिर्फ आह कर रहा,फिर भी सरकार की वाह -वाह है, ये छत्तीसगढ़ की नई राजनीति है जिसमें --------------------------पक्ष -विपक्ष मस्त,छत्तीसगढ़िया पस्त है 

चोखेलाल

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मुखिया के मुखारी व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल की टिप्पणी









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