बिलासपुर : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने तलाकशुदा पत्नी के संपत्ति अधिकारों पर बड़ा फैसला सुनाया है. जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने स्पष्ट किया कि तलाक के बाद पूर्व पत्नी को पति की संपत्ति या आवास में रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं रहता, लेकिन नाबालिग बच्चे पिता के वैध वारिस होने के नाते वहां रह सकते हैं. यह फैसला भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारी अजय रेड्डी और उनकी पूर्व पत्नी के बीच विवादित क्वार्टर को लेकर आया है, जहां निचली अदालत के आदेश को आंशिक रूप से बदला गया.
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पत्नी का दावा खारिज
केस के अनुसार, अजय रेड्डी सेल भिलाई में इंजीनियर हैं. उन्होंने अपनी पत्नी पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए तलाक मांगा था. तलाक मिलने के बाद उन्होंने निचली अदालत से क्वार्टर खाली कराने का आदेश प्राप्त किया, जिसमें पत्नी और दो बच्चों को बाहर निकालने का निर्देश था. पत्नी ने घरेलू प्रताड़ना अधिनियम (DV Act) का हवाला देकर हाईकोर्ट में अपील की, दावा किया कि संपत्ति में उनका और बच्चों का अधिकार है. लेकिन, कोर्ट ने DV Act के तहत पत्नी के दावे को खारिज कर दिया.



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