जगह कम, मुनाफा ज्यादा: इस फसल की साल भर रहती है बंपर डिमांड!

जगह कम, मुनाफा ज्यादा: इस फसल की साल भर रहती है बंपर डिमांड!

आजकल किसान ऐसी फसलों की खेती को महत्व दे रहे हैं जिनकी बाजार में अच्छी मांग हो और जिससे अच्छा मुनाफा मिल सके. सलाद पत्ता, जिसे लेटस भी कहा जाता है, इन्हीं फसलों में से एक है. यह पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर विदेशी फसल है, जो लाल और हरे रंग में उपलब्ध होती है और इसकी कई किस्में पाई जाती हैं. बड़े होटल और रेस्टोरेंट में सलाद पत्ते की मांग अधिक रहती है, जिससे किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं.

सलाद पत्ते की खेती बेहद फायदेमंद
सलाद पत्ता की खेती के लिए रेतली, दोमट और दानेदार मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. साथ ही मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की पर्याप्त मात्रा और जल निकासी का सही होना जरूरी है, जिससे उपज अधिक और गुणवत्तापूर्ण हो. बाराबंकी जिले के बडेल गांव के युवा किसान मनीष ने अन्य फसलों के साथ सलाद पत्ता की खेती शुरू की, जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा मिला. वर्तमान में वह लगभग एक बीघे में सलाद पत्ता की खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें एक फसल पर 50 से 60 हजार रुपए तक का मुनाफा हो रहा है.

ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी -पक्ष -विपक्ष मस्त,छत्तीसगढ़िया पस्त है 

कम लागत में मिलता है तगड़ा मुनाफा
किसान मनीष ने बताया कि वह पहले शिमला मिर्च, टमाटर, पालक और फूलगोभी जैसी सब्जियों की खेती करते थे, लेकिन पिछले दो साल से सलाद पत्ता की खेती शुरू की है. इस फसल में लागत कम और मुनाफा ज्यादा है. एक बीघे में लागत लगभग 8 से 10 हजार रुपए आती है, जबकि बिक्री से 50 से 60 हजार रुपए की आमदनी होती है. इसका कारण यह है कि सलाद पत्ता अधिकतर बड़े होटल और रेस्टोरेंट में इस्तेमाल होता है, इसलिए इसकी कीमत हमेशा अच्छी रहती है.

कम समय में हो जाती है तैयार
सलाद पत्ता की खेती आसान है. सबसे पहले खेत की गहरी जुताई की जाती है और गोबर की खाद डाली जाती है. फिर खेत बराबर किया जाता है और बीज बो दिए जाते हैं. पौधों के उगने के बाद नियमित सिंचाई की जाती है और लगभग 35 से 40 दिनों में फसल तैयार हो जाती है, जिसे रोजाना बाजार में बेचकर लाभ कमाया जा सकता है.









You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments