पारदर्शी धान खरीदी व्यवस्था से किसानों का बढ़ा भरोसा – बलौदीकला के केशवराम पटेल ने बताया सकारात्मक अनुभव

पारदर्शी धान खरीदी व्यवस्था से किसानों का बढ़ा भरोसा – बलौदीकला के केशवराम पटेल ने बताया सकारात्मक अनुभव

बेमेतरा टेकेश्वर दुबे : समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा किए गए प्रयासों का सकारात्मक प्रभाव लगातार देखने को मिल रहा है। बेमेतरा जिले के विभिन्न उपार्जन केंद्रों में इस वर्ष खरीदी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, तकनीक-सक्षम और किसान-केंद्रित दिखाई दे रही है, जिससे किसानों में संतोष और विश्वास दोनों बढ़ा है।

इसी कड़ी में ग्राम बलौदीकला के किसान श्री केशवराम पटेल, जिन्होंने इस वर्ष 132 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर बेचा है, ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि खरीदी केंद्र पर मिली सुविधाएँ पहले से कहीं अधिक सुगम रही हैं। वे बताते हैं कि जैसे ही उनका ऑनलाइन टोकन जनरेट हुआ, उन्हें यह भरोसा था कि न तो अनावश्यक भीड़ होगी और न ही लंबा इंतजार करना पड़ेगा। निर्धारित समय पर धान तौल की प्रक्रिया पूरी हुई और कर्मचारियों ने हर कदम पर सहयोग किया।कृषक केशवराम कहते हैं—“इस बार खरीदी केंद्र की व्यवस्था अत्यंत व्यवस्थित रही। तौल तेज और सटीक हुई, कर्मचारियों का व्यवहार भी बहुत सहयोगी था। तकनीकी सुधारों ने प्रणाली को पारदर्शी बनाया है, जिससे हमें अपनी मेहनत का सही मूल्य मिलने का भरोसा रहता है।”

वे आगे बताते हैं कि समय पर मिलने वाला भुगतान उनकी खेती-किसानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे आगामी फसलों की तैयारी में धन की कमी नहीं होती और परिवार की आवश्यकताओं को भी आसानी से पूरा किया जा सकता है।वे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं कि सरकार द्वारा की गई पहलें वास्तव में किसानों के हित में हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही हैं।

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बलौदीकला उपार्जन केंद्र पर मौजूद अन्य किसानों ने भी बताया कि इस वर्ष खरीदी केंद्रों पर भीड़ कम है, व्यवस्था बेहतर है और अधिकारियों की सतत निगरानी से किसी भी प्रकार की समस्या तुरंत दूर की जा रही है। डिजिटल रिकॉर्ड, तौल मशीनों की नियमित जांच और ऑनलाइन प्रक्रिया ने पूरे सिस्टम को ईमानदार और भरोसेमंद बनाया है।

किसानों का मानना है कि प्रदेश में जारी यह पारदर्शी और सरल धान खरीदी व्यवस्था न केवल उनकी आय में वृद्धि कर रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी मजबूत कर रही है। जिले के विभिन्न केंद्रों से मिल रही सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ इस बात की पुष्टि करती हैं कि खरीदी व्यवस्था ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति दे रही है।









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