हुमायूं ने किया नई बाबरी का शिलान्यास,सऊदी से आए मेहमान

हुमायूं ने किया नई बाबरी का शिलान्यास,सऊदी से आए मेहमान

पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद की नींव रखने वाले टीएमसी के सस्पेंडेड विधायक हुमायूं कबीर के एक और दावे पर सवाल खड़े हो रहे हैं. हुमायूं कबीर ने बार बार दावा किया था कि उनके कार्यक्रम में सउदी अरब से कई विशेष मेहमान आने वाले हैं.

6 दिसंबर को नई बाबरी के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंची भीड़ जिसे फीता काटकर वापस कर दिया गया वो भी सउदी से आए विशेष मेहमानों को पहचानने की कोशिश करती रही, लेकिन सउदी से आए शेखों को लेकर असमंजस खत्म नहीं हुआ. क्योंकि दावा किया गया था जो लोग मंच पर बैठकर कुरान पढ़ रहे थे वो सउदी अरब से आए हैं. उनके नाम हजरत मौलाना मुफ्ती सूफियान और शेख अब्दुल्ला बताया गया.

सऊदी से आए शेख?

हालांकि मंच पर मौजूद लोगों की जो तस्वीरें आईं उसमें से कोई भी ये न बता सका कि मौलाना मुफ्ती सूफियान कौन हैं और शेख अब्दुल्ला कौन हैं. ये हम भी नहीं बता सकते क्योंकि इनसे किसी का परिचय करवाया ही नहीं गया. ये दोनों मंच पर रहे, लेकिन मंच पर इनको और कुछ बोलने का मौका नहीं मिला. हुमायूं कबीर के साथ फीता काटने के बाद दोनों कहां चले गए इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी. आप ये भी कह सकते हैं कि शेखों के लिबास में दिख रहे इन दो लोगों को हुमायूं कबीर ने कहां छिपा दिया, उन्हें कैमरे भी न ढूंढ पाए.

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सउदी से आए मेहमानों पर जिस तरह की गोपनीयता बरती गई. अब उस पर सवाल उठ रहे हैं. सउदी से आए ये मेहमान कौन हैं? इनकी पहचान क्या है? इनका बैकग्राउंड क्या है? इनको सउदी से यहां पर क्यों बुलाया गया और क्या ये वाकई सउदी अरब से आए हैं ?

हुमायूं सऊदी अरब से आए लोगों को क्यों छिपा रहे?

हालांकि हम इस बात का दावा नहीं कर रहे कि जो मेहमान मंच पर दिखे वो सउदी से आए थे या नहीं आए थे. क्योंकि मीडिया को इस बारे में कुछ बताया ही नहीं गया इसलिए कार्यक्रम खत्म होने के बाद इस सस्पेंस से पर्दा उठाने के लिए हमने सीधे हुमायूं कबीर से सवाल पूछा, क्योंकि जिस शख्स को सउदी अरब के मेहमानों के सस्पेंस को खत्म करना था, उसके जवाब ने सस्पेंस और गहरा दिया.

बड़ा सवाल यही है कि आखिरकार हुमायूं कबीर सउदी अरब से आए अपने खास मेहमानों का नाम क्यों छिपा रहे हैं. वो देश के लोगों को इनकी सही पहचान नहीं बताना चाहते. जिन लोगों के साथ हुमायूं कबीर ने नई बाबरी का निर्माण शुरु करने के लिए फीता काटा, अगर मंच से लोगों को सउदी से आए मेहमानों की जानकारी दे दी जाती तो भला क्या ​​बिगड़ जाता. मीडिया से उनकी बात करवा दी जाती तो कौन सी कयामत आ जाती? आज एजेंसियों को सतर्क हो जाना चाहिए, क्योंकि ये जानना देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है.







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