मेटाबॉलिज्म बूस्ट करेंगे ये योगासन,वजन घटाने और एनर्जी बढ़ाने का है नेचुरल फॉर्मूला

मेटाबॉलिज्म बूस्ट करेंगे ये योगासन,वजन घटाने और एनर्जी बढ़ाने का है नेचुरल फॉर्मूला

नई दिल्ली :  मेटाबॉलिज्म हमारे शरीर की वह प्रक्रिया है जो खाने को एनर्जी में बदलती है। एक स्वस्थ मेटाबॉलिज्म वजन मैनेज करने, एनर्जेटिक रहने और पूरे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। लेकिन मॉडर्न लाइफस्टाइल और स्ट्रेस अक्सर हमारे मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देती है। 

ऐसे में मेटाबॉलिज्म को एक्टिव बनाए रखने में योग काफी मददगार साबित हो सकता है। नियमित रूप से कुछ योगासन करने से मेटाबॉलिज्म एक्टिव रहता है और शरीर को और भी कई फायदे मिलते हैं। आइए जानें ऐसे ही 5 योगासनों के बारे में जो आपके मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मददगार साबित हो सकते हैं।

सूर्य नमस्कार 

सूर्य नमस्कार कोई एक आसन नहीं, बल्कि 12 आसनों का एक साइकिल है। यह पूरे शरीर को एक्टिव करने का बेहतरीन तरीका है। इसे तेज गति से करने पर हार्ट रेट बढ़ती है, ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है और शरीर का तापमान बढ़ता है, जिससे मेटाबॉलिज्म में तुरंत एक्टिव होता है। नियमित प्रैक्टिस डाइजेशन को मजबूत बनाता है और थायराइड ग्लैंड को एक्टिव करता है, जो मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है। हर दिन 5-7 बार सूर्य नमस्कार करना फायदेमंद हो सकता है।

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पश्चिमोत्तानासन 

यह आसन पेट के अंगों पर गहरा दबाव डालकर उन्हें एक्टिव करता है। पाचन तंत्र, लीवर और किडनी जैसे अंग एक्टिव होते हैं, जिससे टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और पाचन क्रिया दुरुस्त होती है। पश्चिमोत्तानासन तनाव कम करने में भी सहायक है, और तनाव का सीधा कनेक्शन मेटाबॉलिज्म की धीमी गति से है। इस आसन का नियमित अभ्यास शरीर में जमा एक्स्ट्रा चर्बी को कम करने में मदद करता है।

धनुरासन 

धनुरासन करते समय शरीर धनुष के आकार में हो जाता है। यह आसन पेट, छाती और गर्दन के हिस्से को खोलता है। इससे पूरे पाचन तंत्र की मसाज होती है, जिससे कब्ज जैसी समस्याएं दूर होती हैं और खाने का पाचन बेहतर होता है। यह थायराइड और पिट्यूटरी ग्लैंड को भी एक्टिव करता है, जो मेटाबॉलिक रेट को कंट्रोल करने वाले हार्मोन्स के सीक्रेशन के लिए जिम्मेदार हैं।

भुजंगासन 

भुजंगासन पेट के बल लेटकर किया जाने वाला आसन है, जो पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और पाचन अंगों को दबाव देता है। यह आसन पैंक्रियास और आंतों को एक्टिव करके इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार लाता है, जिससे शरीर में ग्लूकोज का इस्तेमाल बेहतर होता है। यह मेटाबॉलिज्म के लिए बेहद फायदेमंद है। साथ ही, यह तनाव और थकान को कम करके एनर्जी लेवल बढ़ाता है।

उष्ट्रासन

उष्ट्रासन, धनुरासन की ही तरह एक पीछे की ओर झुकने वाला आसन है। यह पेट और गले के हिस्से में खिंचाव पैदा करता है। थायराइड ग्लैंड पर इसका सीधा असर पड़ता है, जिससे मेटाबॉलिज्म कंट्रोल होती है। यह आसन पेट की चर्बी कम करने में खासतौर से असरदार माना जाता है और शरीर में ब्लड फ्लो को बढ़ाता है।

इन बातों का ध्यान रखें

  1. इन आसनों का अभ्यास किसी योग्य प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में शुरू करें। 
  2. किसी भी शारीरिक समस्या या प्रेग्नेंसी की स्थिति में चिकित्सक से सलाह लें। 
  3. केवल योगासन ही नहीं, सही डाइट और भरपूर मात्रा में पानी भी तेज मेटाबॉलिज्म के लिए जरूरी हैं। 







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