छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेजों में PG एडमिशन के नियमों में बदलाव के बाद विवाद

छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेजों में PG एडमिशन के नियमों में बदलाव के बाद विवाद

रायपुर:  मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीटों के प्रवेश नियमों में किए गए संशोधन का विरोध तेज हो गया है। रायगढ़, कांकेर सहित प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों में छात्रों ने विरोध कर इस संशोधन में सुधार की मांग की। दरअसल, चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा एक दिसंबर से लागू किए गए नए नियमों ने मेडिकल पीजी सीटों की व्यवस्था पूरी तरह बदल दी है।

क्यों हो रहा विरोध?

अब राज्य के सरकारी और निजी मेडिकल महाविद्यालयों में उपलब्ध पोस्ट-ग्रेजुएट (पीजी) सीटों की कतार को 50 प्रतिशत संस्थागत आरक्षण/प्राथमिकता और 50 प्रतिशत ओपन मेरिट में बांट दिया गया है। इस प्रविधान से पहले राज्य कोटे की सीटों में संस्थागत प्राथमिकता (ग्रुप-एक) तथा निवास आधारित आरक्षण (डोमिसाइल) (ग्रुप-दो)मिलता था। नए बदलाव के कारण देश के अन्य राज्यों से पढ़े एमबीबीएस(MBBS) योग्य उम्मीदवार अब ओपन मेरिट के जरिए राज्य की पीजी सीटों में आवेदन कर सकेंगे।

ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी -पक्ष -विपक्ष मस्त,छत्तीसगढ़िया पस्त है 

स्थान विशेष आरक्षण हटने से स्थानीय डॉक्टरों की नाराजगी

स्थानीय डॉक्टरों और चिकित्सा विद्यार्थियों में नए प्रविधान को लेकर चिंता बढ़ रही है। विशेष रूप से, ज्यादातर छात्र और पूर्व एमबीबीएस पासआउट डॉक्टर जिनका अध्ययन छत्तीसगढ़ से बाहर हुआ है, अब राज्य की पीजी सीटों के लिए सीधे प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। इससे स्थानीय एमबीबीएस छात्रों के लिए अवसरों की संख्या घटने की आशंका जताई जा रही है।

स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र

इस बदलाव को लेकर छत्तीसगढ़ डॉक्टर फेडरेशन ने विरोध का स्वर बुलंद किया है। फेडरेशन का कहना है कि यह कदम छत्तीसगढ़ के चिकित्सा भविष्य का डेथ वारंट है, क्योंकि बाहरी उम्मीदवारों को राज्य सेवा हेतु आरक्षित सीटों की खुली प्रतिस्पर्धा उपलब्ध कराई जा रही है। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भी लिखा है।

मध्य प्रदेश में यह नियम केवल प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की सीटों तक सीमित

मध्य प्रदेश में यह नियम केवल प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की सीटों तक ही सीमित है। फेडरेशन ने स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन भेजकर तत्काल सुधार की मांग की है। नए बदलाव के बाद मेडिकल कॉलेजों के विद्यार्थियों और असंतुष्ट डॉक्टर्स ने विरोध स्वर तेज कर दिया है। इंटरनेट मीडिया से लेकर कॉलेज कैंपस तक, आंदोलनों की तैयारियां चल रही हैं। रायपुर सहित कई जिलों में सोमवार से शांतिपूर्ण प्रदर्शन के संकेत मिल रहे हैं।

ये भी पढ़े : आईसीसी ने लगाया टीम इंडिया पर जुर्माना, जानिए क्या थी वजह?

छात्र प्रतिनिधियों का क्या कहना है?

छात्र प्रतिनिधियों का कहना है कि यदि सरकार और शिक्षा विभाग ने न्यायालय निर्धारित नीतिगत संतुलन नहीं बहाल किया तो आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है। सरकार ने डोमिसाइल (मूल निवासी) आधारित आरक्षण व्यवस्था को समाप्त करते हुए संस्थागत व ओपन मेरिट आधारित व्यवस्था लागू की है। इस बदलाव को नीतिगत सुधार और समान प्रवेश अवसर सुनिश्चित करने से जोड़ा गया है।

अधिकारी बताते हैं कि यह कदम कुछ मामलों में पैराशूट लैंडिंग को रोकने व छात्रों को बेहतर कॉलेज चुनने का विकल्प देने के उद्देश्य से लिया गया है।







You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments