73 लाख की डिजिटल डकैती! फर्जी बैंक, फर्जी सिम,बिहार से दो पकड़ाए

73 लाख की डिजिटल डकैती! फर्जी बैंक, फर्जी सिम,बिहार से दो पकड़ाए

बिलासपुर:  रेंज साइबर थाना ने ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए बिहार के वैशाली जिले से दो अंतरराज्यीय साइबर अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। गिरफ्तार आरोपी पीएम समृद्धि योजना के नाम पर मेडिकल व्यवसायी को कम ब्याज में 50 लाख का लोन दिलाने और 30 प्रतिशत छूट का झांसा देकर 73 लाख रुपए से अधिक की ठगी कर चुके थे।

आईजी और एसपी के निर्देश, बड़ी कार्रवाई

आईजी बिलासपुर रेंज डॉ. संजीव शुक्ला और एसपी बिलासपुर रजनेश सिंह के मार्गदर्शन में साइबर अपराधियों पर लगातार कार्रवाई चलाई जा रही है। इसी क्रम में रेंज साइबर थाना की टीम को यह महत्वपूर्ण सफलता मिली।

सकरी निवासी मेडिकल व्यवसायी राजेश पांडे के मुताबिक, फरवरी 2024 से सितंबर 2025 के बीच कई अलग-अलग मोबाइल नंबरों से उन्हें कॉल किए गए। कॉल करने वाले स्वयं को श्रीराम सिटी यूनियन फाइनेंस लिमिटेड, मुंबई का अधिकारी बताते थे। आरोपी कम ब्याज दर पर 50 लाख का लोन और पीएम समृद्धि योजना के तहत 30 प्रतिशत छूट का लालच देकर उनसे ऑनलाइन भुगतान कराते रहे और कुल 73,23,291 हड़प लिए।

फर्जी सिम–फर्जी खाते… पूरा खेल

जांच में पता चला कि गिरोह फर्जी सिम कार्ड और फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल करता था। यही खाते ठगी की रकम को ट्रांसफर और आहरण करने के लिए उपयोग किए जाते थे। साइबर क्राइम पोर्टल, बैंक खातों और तकनीकी विश्लेषण से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंची।

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बिहार से पकड़े गए साइबर ठग

विशेष टीम, निरीक्षक रजनीश सिंह के नेतृत्व में वैशाली बिहार भेजी गई। वहां लगातार दो दिनों तक खोजबीन के बाद टीम ने विकास कुमार उर्फ विक्रम सिंह और अमन कुमार सिंह उर्फ पीयूष को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में दोनों ने कबूल किया कि दिल्ली में किराए के मकान में रहकर अपने गिरोह के साथ ऑनलाइन ठगी का काम करते थे। लोन दिलाने का झांसा देकर लोगों को फंसाते थे। फर्जी खातों में रकम जमा कराकर निकाल लेते थे।

आगे की जांच जारी

पुलिस अब ठगी में शामिल अन्य सदस्यों, फर्जी खातों और ठगी की रकम की रिकवरी को लेकर आगे की जांच कर रही है। आरोपियों के खिलाफ धारा 318(4), 111(4) बीएनएस, 66(D) आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।







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