कांग्रेस नेता सोनिया गांधी आज 79 साल की हो गईं। इस बीच, दिल्ली की कोर्ट ने बर्थडे वाले दिन ही सोनिया गांधी को नोटिस भेज दिया है। उन पर भारत की नागरिक मिलने से पहले ही वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने का आरोप है।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और दिल्ली पुलिस को एक याचिका पर नोटिस जारी किया। इस याचिका में एक मजिस्ट्रेट कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें सोनिया गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने से इनकार कर दिया गया था। सोनिया गांधी पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय नागरिक बनने से तीन साल पहले ही अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल करवा लिया था।
बार एंड बेच की रिपोर्ट के अनुसार, स्पेशल जज विशाल गोगने ने क्रिमिनल रिवीजन याचिका पर सीनियर एडवोकेट पवन नारंग की शुरुआती दलीलें सुनने के बाद सोनिया गांधी और दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी 2026 को होगी।
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याचिकाकर्ता विकास त्रिपाठी ने एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया के 11 सितंबर के आदेश को चुनौती देते हुए यह क्रिमिनल रिवीजन याचिका दायर की है।
त्रिपाठी का दावा कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की वोटर लिस्ट में शामिल किया गया था, जबकि उन्हें भारत की नागरिक अप्रैल 1983 में मिली थी।उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में वोटर लिस्ट में शामिल किया गया, 1982 में हटा दिया गया और फिर 1983 में दोबारा शामिल किया गया।
जज वैभव चौरसिया ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि कोर्ट याचिकाकर्ता की मांग के अनुसार जांच शुरू नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति की नागरिकता से जुड़े मामले पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। किसी व्यक्ति को वोटर लिस्ट में शामिल करने या उससे बाहर करने की योग्यता तय करने का अधिकार भारत के चुनाव आयोग के पास है।
जज ने आगे कहा कि इस मामले में जांच करने से संवैधानिक अधिकारियों को सौंपे गए क्षेत्रों में बेवजह दखल होगा। साथ ही यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 329 का भी उल्लंघन होगा।

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