नई दिल्ली : मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और इंडिया गठबंधन के 100 से ज्यादा सांसदों ने संसद में महाभियोग लाने के लिए प्रस्ताव पेश किया है. यह कदम जस्टिस स्वामीनाथन द्वारा दिए गए एक आदेश को लेकर उठाया जा रहा है. जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने 4 दिसंबर को एक मंदिर और दरगाह से जुड़े मामले में हिन्दुओं के पक्ष में फैसला दिया था. उन्होंने सुब्रमनिया स्वामी मंदिर के अधिकारियों को दूसरे पक्ष के विरोध के बावजूद दीपथून पर शाम 6 बजे तक दीपक जलाने का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद तमिलनाडु सरकार काफी भड़क गई थी और आदेश मानने से ही इनकार कर दिया.
मंदिर के अधिकारों की पुष्टि
विरोध का कारण इसकी सिकंदर बादशाह दरगाह से निकटता थी. इसके अलावा कार्तिकई दीपम आमतौर पर पहाड़ी पर स्थित उचिपेल्लैयार मंदिर के पास दीपा मंडपम पर जलाया जाता है. जस्टिस स्वामीनाथन ने इन सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया. अपने फैसले में न्यायाधीश ने स्पष्ट कहा कि दीपथून पर दीप जलाने से दरगाह या मुसलमानों के अधिकारों पर कोई असर नहीं होगा. लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि दीप नहीं जलाया गया तो इससे मंदिर के अधिकार खतरे में पड़ सकते हैं. आरोप था कि मस्जिद के ट्रस्टी कथित तौर पर पहाड़ी के खाली हिस्सों पर अतिक्रमण करने का प्रयास कर रहे हैं.
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‘मंदिर सतर्क रहें’
जज साहब ने कहा, “भले ही यह परंपरा का मामला न हो,लेकिन दीपथून पर दीप जलाकर मंदिर का शीर्ष पर अधिकार जताना जरूरी है.” उन्होंने 1923 के एक फैसले का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मस्जिद ट्रस्टी यथास्थिति को भंग कर रहे हैं. मंदिर प्रबंधन को अपनी संपत्ति पर अतिक्रमण के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए चौकस रहना चाहिए.
तमिलनाडु सरकार ने नहीं माना फैसला
जस्टिस स्वामीनाथन के आदेश को तमिलनाडु सरकार ने लागू करने से मना कर दिया. सरकार ने इसके पीछे कानून-व्यवस्था बिगड़ने का हवाला दिया है. इसी आदेश को आधार बनाकर अब विपक्ष महाभियोग की तैयारी में है. तमिलनाडु सरकार इस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है.

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