नई दिल्ली : भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उप-कप्तान और स्टार क्रिकेटर स्मृति मंधाना ने म्यूजिक कम्पोजर पलाश मुच्छल से शादी कैंसिल करने के बाद पहली बार चुप्पी तोड़ी।
वह शादी टूटने के बाद पहली बार पब्लिश के बीच नजर आईं। एक कार्यक्रम में स्मृति मंधाना ने कहा कि पिछले 12 सालों में उन्हें एक बात सबसे ज्यादा समझ आई है कि उन्हें क्रिकेट से ज्यादा कुछ भी चीज पसंद नहीं है। बता दें कि बाएं हाथ की महान बल्लेबाज मंधाना ने 2013 में भारत की ओर से डेब्यू किया था। उन्हें भारत के लिए खेलते हुए 12 साल हो गए हैं और उन्होंने अपने डेब्यू से विश्व कप जीतने तक की अपनी जर्नी के बारे में अब खुलकर बात की है।
Smriti Mandhana ने शादी टूटने के बाद पहली बार कहीं बड़ी बात
दरअसल, कुछ दिन पहले ही स्मृति मंधाना ने बताया था कि दोनों परिवारों की सहमति से उनकी और पलाश मुच्छल की होने वाली शादी को रद कर दिया गया है। 7 दिसंबर को उन्होंने अपनी इंस्टा स्टोरी पर एक छोटा सा बयान जारी करके फैंस और मीडिया से प्राइवेसी की मांग की थी और कहा था कि वह इस मामले को यहीं खत्म करना चाहती हैं।
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शादी टूटने के बाद पहली बार स्मृति 'एमेजॉन संभव समिट में कप्तान हरमनप्रीत कौर के साथ शामिल हुईं, जहां उन्होंने कहा कि उनकी पहली और सबसे बड़ी प्राथमिकता क्रिकेट है और वह भारत को बड़े खिताब जिताने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। समिट में बोलते हुए मंधाना ने अपने 2013 के डेब्यू से लेकर पिछले महीने हुए भारत के वर्ल्ड कप जीत तक का सफर याद किया।
उन्होंने कहा,
मुझे क्रिकेट से ज्यादा कुछ पसंद नहीं। इंडिया की जर्सी पहनना ही सबसे बड़ी प्रेरणा है। आप अपनी सारी परेशिानियां एक तरफ रख देते हैं और सिर्फ यही आपको जीवन पर ध्यान लगाने में मदद करता है।
स्मृति मंधाना
उन्होंने बताया कि बचपन से ही उन्हें बल्लेबाजी का जुनून था। स्मृति बोलीं कि बचपन से ही मन में था कि एक दिन लोग मुझे वर्ल्ड चैंपियन कहें।
'सच होते देखा तो रोंगटे खड़े हो गए'
वर्ल्ड कप जीतकर उन्हें लगा कि कई सालों की मेहनत और परेशानियों का फल मिला। भारतीय महिला टीम की उप-कप्तान ने कहा,
हम इस जीत का बहुत इंतजार कर रहे थे। मैच से पहले हमने इसे अपने दिमाग में सच होते हुए देखा था। जब स्क्रीन पर वो पल आया, तो रोंगटे खड़े हो गए।
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स्मृति मंधाना
'उनके लिए जीतना चाहते थे..'
स्मृति ने बताया कि महिला विश्व कप के फाइनल में मिताली राज और झूलन गोस्वामी को देखकर टीम के लिए यह और खास बन गया था। उन्होंने कहा,
हम उनके लिए भी जीतना चाहते थे। उनकी आंखों में आंसू देखकर लगा कि ये जीत पूरी महिला क्रिकेट की जीत थी। मंधाना ने आगे कहा कि वर्ल्ड कप ने उन्हें दो बड़ी बातें सिखाईं। पहली हर पारी शून्य से शुरू होती है, चाहे पिछली बार आप शतक ही क्यों न बनाएं। दूसरी बात ये कि अपने लिए नहीं, टीम के लिए खेलना चाहिए।
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स्मृति मंधाना

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