कफ सीरप मामले में वाराणसी पुलिस की कार्रवाई,विशाल सोनकर और प्रतीक मिश्रा भेजे गए जेल

कफ सीरप मामले में वाराणसी पुलिस की कार्रवाई,विशाल सोनकर और प्रतीक मिश्रा भेजे गए जेल

वाराणसी : कोलकाता में धराए विशाल सोनकर व प्रतीक मिश्रा ने पूछताछ में स्वीकारा कि शुभम के काले कारोबार उनकी भूमिका भी दिवेश जायसवाल की तरह रही। दोनों आरोपित फर्जी फर्मों के कागजात तैयार कराने व उसके जरिए किए जा रहे कारोबार का हिसाब किताब रखते थे।

दोनों ने पूछताछ में स्वीकारा कि उनकी निशांत फार्मा व विश्वनाथ मेडिकल एजेंसी ने शुभम की रांची स्थित शैली ट्रेडर्स से 15 करोड़ रुपये में 10 लाख कफ सीरप की खरीदारी की। पुलिस दोनों का कोलकाता में मजिस्ट्रेट के यहां रिमांड बनवाकर वाराणसी लाई। यहां लाने के बाद दोनों कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। हालांकि, पुलिस दोनों आरोपितों को पूछताछ के लिए फिर से रिमांड पर लेगी।

शासन की एसआइटी ने कमिश्नरेट पुलिस से ली जानकारी
कफ सीरप प्रकरण में शासन के स्तर पर गठित एसआइटी ने जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने वाराणसी की एसआइटी द्वारा अभी तक की गई जांच में सामने तथ्यों की जानकारी मांगी है। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि जो जानकारी मांगी जा रही, उसे उपलब्ध कराया जा रहा है।

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साढ़े पांच लाख कफ सीरप की शीशी खपाए थे विशाल और बादल
शुभम के काले कारोबार में पुलिस के हत्थे चढ़े विशाल जायसवाल व बादल आर्य बड़े किरदार थे। विशाल की दवा फर्म हरी ओम फार्मा ने कफ सीरप की 4 लाख 18 हजार शीशी भोला प्रसाद (तस्करी के सरगना शुभम जायसवाल के पिता) के रांची झारखंड स्थित फर्म शैली ट्रेडर्स खरीदी और उसे पांच करोड़ रुपये से ज्यादा में बेच दिया।

गिरफ्तार दूसरे आरोपित बादल आर्य ने बताया कि उसके दवा फर्म काल भैरव ट्रेडर्स ने भी भोला प्रसाद की शैली ट्रेडर्स से कफ सीरप की एक लाख 23 हजार शीशी खरीदी और उसे दो करोड़ रुपये से अधिक में बेच दिया।

दोनों ही फर्मों ने खरीदे गए कफ सीरप के लिए ई-वे बिल जेनरेट कर उसका ट्रांसपोर्ट भी किया। कफ सीरप अंतत: कहां गया, इससे पुलिस भी अनजान है। पुलिस अब यह जानने में जुटी है, आखिर माल का अंतिम खरीदार कौन है।

अठ्ठारह दिसंबर को गाजियाबाद जाएगी वाराणसी पुलिस
गाजियाबाद पुलिस 16 दिसंबर को सौरभ व शिवा को लेकर वाराणसी आएगी। यहां कोर्ट में पेश किए जाने के बाद गाजियाबाद पुलिस उसे अपने साथ ले जाएगी। इसके बाद वाराणसी पुलिस की भूमिका शुरू हो जाएगी।चूंकि गाजियाबाद जेल में बंद दोनों की जमानत नहीं हुई है, इसलिए वाराणसी पुलिस पूछताछ के लिए 18 दिसंबर को कोर्ट से परमीशन लेकर गाजियाबाद पूछताछ के लिए जाएगी।







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