पारिवारिक समझौते से टूटा विवाद, फिर से जुड़ा दाम्पत्य जीवन

पारिवारिक समझौते से टूटा विवाद, फिर से जुड़ा दाम्पत्य जीवन

दंतेवाड़ा : जिला एवं सत्र न्यायालय दंतेवाड़ा में लंबित व्यवहार वाद क्रमांक 53-ए/2025 में एक सराहनीय पहल के तहत पारिवारिक विवाद का सुखद समाधान सामने आया। वादी नागेन्द्र (बदला हुआ नाम) एवं प्रतिवादिनी रीमा (बदला हुआ नाम) ने बिना किसी दबाव के, स्वेच्छा से आपसी राजीनामे के माध्यम से पुनः साथ रहने पर सहमति व्यक्त की। पूर्व में वादी द्वारा हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 13(1)(क) के अंतर्गत क्रूरता के आधार पर विवाह विच्छेद की याचिका प्रस्तुत की गई थी। दंपती के दो संतान हैं—लगभग 19 वर्षीय पुत्री एवं 15 वर्षीय पुत्र। न्यायालय की खंडपीठ क्रमांक-2 के सदस्य एन. के. साहू (अधिवक्ता) एवं पवन शर्मा (सामाजिक कार्यकर्ता) तथा पीठासीन अधिकारी हरीश कुमार अवस्थी द्वारा दंपती को बच्चों के भविष्य और माता-पिता के स्नेहपूर्ण साथ की आवश्यकता समझाते हुए प्रेरक समझाइश दी गई।इस सकारात्मक प्रयास से दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति बन सकी।

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समझौते के पश्चात वादी एवं प्रतिवादिनी द्वारा प्रेमपूर्वक साथ रहने के आशय से प्रस्तुत राजीनामे के आधार पर प्रकरण का निराकरण किया गया। इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार आदित्य ने दोनों को एक-एक गमला भेंट कर उनके भावी दाम्पत्य जीवन के सुखमय एवं खुशहाल रहने की शुभकामनाएँ दीं।यह प्रकरण न्यायालयीन प्रयासों एवं सामाजिक सहभागिता से पारिवारिक सौहार्द की पुनर्स्थापना का एक प्रेरणादायी उदाहरण बनकर सामने आया।







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