“पूना मोद्दोल पुनर्वास नीति” से प्रभावित होकर 2 सक्रिय माओवादियों ने हथियार डालकर किया सरेंडर 

“पूना मोद्दोल पुनर्वास नीति” से प्रभावित होकर 2 सक्रिय माओवादियों ने हथियार डालकर किया सरेंडर 

गरियाबंद :  छत्तीसगढ़ सरकार के नक्सल उन्मूलन अभियान को एक और सफलता मिली है. गरियाबंद जिले में 2 सक्रिय माओवादियों ने हथियार डालकर सरेंडर कर दिया है. आत्मसमर्पण करने वालों में SDK एरिया कमेटी का सदस्य संतोष उर्फ लालपवन और सीनापाली एरिया कमेटी की सदस्य मंजू उर्फ नंदे शामिल हैं.

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, आत्मसमर्पित दोनों नक्सलियों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित था. यह दोनों मूल रूप से बस्तर जिले के निवासी हैं और वर्ष 2010 से नक्सल गतिविधियों में सक्रिय थे. इस दौरान वे 10 से अधिक नक्सली घटनाओं में शामिल रहे हैं.

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पुलिस ने बताया कि दोनों नक्सलियों ने राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर हिंसा का रास्ता छोड़ने का निर्णय लिया है. आत्मसमर्पण के बाद वे अब मुख्यधारा में जुड़कर नया जीवन शुरू करेंगे. पुलिस और प्रशासन की ओर से आगे की पुनर्वास प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

संतोष उर्फ लालपवन का नक्सली इतिहास

  1. 2010 से 2021 तक विभिन्न नक्सली एरिया कमेटियों में सक्रिय
  2. सुरक्षा बलों पर हमले, आईईडी ब्लास्ट, मुठभेड़ जैसी कई गंभीर नक्सली घटनाओं में शामिल
  3. गरियाबंद, धमतरी, बस्तर क्षेत्र में गतिविधियां
  4. कई वर्षों तक सशस्त्र दस्ता और कमेटी सदस्य के रूप में काम किया

मंजू उर्फ नंदे का नक्सली इतिहास

  1. 2002 से नक्सली संगठन से जुड़ी
  2. पीएलजीए सदस्य, एरिया कमेटी व संगठनात्मक भूमिकाएं
  3. गरियाबंद-उदंती-सीतानदी क्षेत्र में सक्रिय
  4. मुठभेड़, फायरिंग और नक्सली हिंसा की कई घटनाओं में शामिल







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