पीएम आवास के नाम रेत का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से जारी : शिकायत के बाद भी कार्यवाही शून्य

पीएम आवास के नाम रेत का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से जारी : शिकायत के बाद भी कार्यवाही शून्य

गरियाबंद :  छत्तीसगढ़ में रेत के अवैध उत्खनन परिवहन में लगाम लगाना संभवतः शासन और प्रशासन दोनो के लिये असंभव कार्य सिद्ध हो रहा है। आलम ये है कि इसी वर्ष जुलाई माह में विधानसभा के मानसून सत्र में रेत चोरी का मामला प्रमुखता से उठाया गया था, शून्य काल के दौरान विपक्ष ने इस मामले को लेकर स्थगन प्रस्ताव पेश किया था और आरोप लगाया था कि पूरे प्रदेश में रेत माफिया पुरजोर सक्रिय हैं। इसके बाद भी हाल के दिनों की स्थिति ये है कि गरियाबंद जिले के बड़े नदी - घाटों के अलावा अब रेत चोरों ने छोटी-छोटी नदी व नालों से भी रेत चोरी को अंजाम देना शुरू कर दिया है। इससे इन प्राकृतिक नदी नालों का अस्तित्व खतरे में है साथ ही मृदातत्वों, प्राकृतिक जीव-जंतुओं के नष्ट होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता।जिले के मैनपुर-गरियाबंद राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक एन एच 130 में धवलपुर के पास झापन नदी पर पिछले कई दिनों से खुलेआम दिन दहाड़े रेत चोरी का खेल चल रहा है किंतु जिम्मेदारों को सूचना दिये जाने के बावजूद कार्यवाही शून्य है।
पीएम आवास के नाम का बहाना

मामले की जानकारी ग्राम पंचायत धवलपुर के निर्वाचित प्रतिनिधियों सहित सचिव को दी गई, जिस पर उन्होंने कार्यवाही और संलिप्तता दोनो से हाथ खड़े कर लिये ? किसी एक ने आवास के लिये रेत ले जाने की बात कही, किन्तु पुल पर खड़े एक बुजुर्ग ने खुद को ना सिर्फ दबंग घोषित किया बल्कि हमारे द्वारा उत्खनन की फोटो खींचने पर भी आपत्ति जताई और खुले तौर पर स्वीकार किया मैं रेत निकाल रहा हूँ, ये रेत ट्रेक्टर ट्रालियों में मैनपुर तक व आस पास के निजी निर्माण कार्यों में खपाई जा रही है।

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मशीनरी का जुगाड़ और पुल का अस्तित्व खतरे में

इस छोटी प्राकृतिक नदी में धड़ल्ले से रेत निकालने के लिये मशीनरी का जुगाड़ किया गया है। यहां ट्रैक्टर के आगे लोडर लगा दिया गया है, जिससे काम आसान हो सके। रेत निकालने के लिये,ठीक पुल के नीचे खोद - खोदकर रेत एकत्रित की जाती है फिर लोडर से ट्रालियों में लोडिंग का खेल चलता है। ग्रामीणों का कहना है कि लगातार खुदाई से भविष्य में पुल का अस्तित्व खतरे में आ जायेगा। शुक्रवार इस मामले की जानकारी मैनपुर अनुविभागीय अधिकारी ( रा ) तुलसीदास मरकाम को दी गई, उन्होंने कार्यवाही का आश्वासन भी दिया, किन्तु रेत उत्खनन और परिवहन शाम तक जारी रहा। आपको बता दें कि ये जिले का मुख्यमार्ग है, इसी रास्ते जिले के कलेक्टर सहित वरिष्ठ अधिकारी लगातार मैनपुर - देवभोग क्षेत्र के दौरे पर आना - जाना कर रहे हैं, ऐसे में ये ठीक सड़क किनारे चल रहा ये अवैध कारोबार उनकी नजरों में क्यों नहीं आ रहा समझ से परे हैं।

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अवैध रेत उत्खनन से धमतरी जिले के दो पुल क्षतिग्रस्त

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के ही धमतरी जिले की नदियों पर लगातार रेत उत्खनन किये जाने से हाराडुला पुल धंस गया, जिससे आवागमन बंद करना पड़ा और कई गांव प्रभावित हुये। खारुन नदी में लगातार अवैध रेत निकासी के कारण मेघा पुल के नीचे का हिस्सा कमजोर हुआ और लेंटर टूट गया, जिससे भविष्य में बड़े हादसे की आशंका है।

अब गरियाबंद जिले के एन एच 130 में स्थिति झापन नदी पर बने पुल का अस्तित्व खतरे में है, इसके टूटने से आधे जिले की आबादी का आवागमन अवरुद्ध हो सकता है। किंतु जिम्मेदार मौन है। इस मामले की शिकायत उच्च स्तर पर किये जाने की तैयारी है।







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