बिलासपुर : सरकंडा क्षेत्र के मार्क हॉस्पिटल में सर्जन की लापरवाही से पित्त की थैली (गाल ब्लैडर) के आपरेशन के बाद स्टेंट (पाइप) अंदर खिसक जाने से मरीज की जान पर बन आई है। पीड़िता ने सर्जरी करने वाले डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। कोरबा के कलेक्टर कालोनी निवासी स्वाति सिंह राजपूत ने कलेक्टर को उपचार में की गई लापरवाही को लेकर ज्ञापन सौंपा है।
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इसमें स्वाति ने बताया कि पित्त की थैली में पथरी की समस्या के चलते वह इलाज के लिए सरकंडा के मुक्तिधाम मार्ग स्थित मार्क हास्पिटल पहुंची थीं। यहां सर्जन डॉक्टर सर्वजीत मरावी ने उनका ऑपरेशन किया। आपरेशन के दौरान पित्त की थैली निकाल दी गई और बाइल को बाहर निकालने के लिए अंदर स्टेंट डाला गया। डॉक्टरों ने एक माह बाद स्टेंट निकालने की बात कही थी, लेकिन समय आने पर जो सामने आया, उसने मरीज और स्वजन को हिलाकर रख दिया। मरीज के अनुसार एक माह बाद जब स्टेंट निकालने के लिए अस्पताल पहुंचीं तो एक्स-रे कराया गया।
एक्स-रे रिपोर्ट में पता चला कि स्टेंट अपनी तय जगह पर नहीं था, बल्कि अंदर खिसक चुका था। यह जानकारी मिलते ही स्वजन में हड़कंप मच गया। मरीज का कहना है कि यह स्थिति सीधे तौर पर सर्जरी के दौरान हुई लापरवाही को दर्शाती है। स्टेंट का इस तरह अंदर चला जाना न केवल खतरनाक है, बल्कि जानलेवा भी हो सकता है। इसके बाद डॉक्टर सर्वजीत मरावी को बोला गया कि वे सर्जरी कर स्टेंट को निकाले, लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया और कहा कि इसका इलाज तो अब हैदराबाद और दिल्ली में हो सकेगा। इससे मरीज के साथ स्वजन सकते में है। स्वाति ने साफ किया है कि मेरी सर्जरी में जमकर लापरवाही बरती गई है, ऐसे में डाक्टर और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

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