गायत्री महामंत्र वेदों का और हमारी सनातन परम्परा का सबसे महत्वपूर्ण मंत्र है: शिवरतन शर्मा

गायत्री महामंत्र वेदों का और हमारी सनातन परम्परा का सबसे महत्वपूर्ण मंत्र है: शिवरतन शर्मा

भाटापारा: नगर में अखिल विश्व गायत्री परिवार शांति कुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में आयोजित शक्ति संवर्धन 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के कार्यक्रम में वरिष्ठ भाजपा नेता छत्तीसगढ़ शिवरतन शर्मा शामिल हुए..शिवरतन शर्मा ने कार्यक्रम को सम्बोधित कर कहा कि गायत्री परिवार के सदस्यों ने देश को मजबूती प्रदान करने का कार्य किया है, क्योंकि कोई भी देश तभी मजबूत हो सकता है, जब उसकी बुनियाद मजबूत हो। हमारे देश की बुनियाद हमारी सनातन परम्पराओं में है। गायत्री परिवार के सदस्य धर्म जागरण का कार्य कर रहे है।
शिवरतन शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश माता कौशिल्या की धरती है तथा भगवान श्रीराम जी का ननिहाल है। गायत्री महामंत्र वेदों का और हमारी सनातन परम्परा का सबसे महत्वपूर्ण मंत्र है। यह हमें सन्मार्ग की ओर चलने की प्रेरणा देता है।

शिवरतन शर्मा ने आगे कहा की गायत्री यज्ञ एक शक्तिशाली और वैज्ञानिक अनुष्ठान है जो माँ गायत्री (प्रकाश और ज्ञान की देवी) और सूर्य देव की आराधना के लिए किया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर शुद्धि, सकारात्मक ऊर्जा का संचार, मानसिक शांति और विश्व कल्याण है, जो स्वस्थ जीवन, सफलता और आत्म-उन्नति प्रदान करता है और वातावरण को शुद्ध करता है।

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शिवरतन शर्मा ने कहा की यह केवल धार्मिक नहीं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी लाभकारी माना जाता है, जिसमें पवित्र मंत्रों जैसे 'ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्' के साथ घी और अन्य सुगंधित सामग्री की आहुतियाँ दी जाती हैं, जिससे सकारात्मक सूक्ष्म वातावरण बनता है।कार्यक्रम में देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार के उप कुलाधिपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने संदेश देते हुए कहा कि मनुष्य को जीवन एक स्वर्णिम अवसर के रूप में मिला है, जिसे अच्छे उद्देश्य में लगाना चाहिए। गायत्री परिवार इंसान के अंदर देवत्व की भावना को जगाने वाला परिवार है। यज्ञ हमें श्रेष्ठ कर्म की ओर प्रेरित करता है। उन्होंने गायत्री परिवार के सदस्यों को आह्वान किया कि वे समाज से नशे की बुराई को दूर करने के लिए लगातार प्रयास करें।

इस महायज्ञ कार्यक्रम में वहां उपस्थित वशिष्ठगण, गणमान्य अतिथियों एवं सभी वरिष्ठजनों को गायत्री मंत्र दुप्पटा भेंट एवं गुरुदेव का साहित्य प्रदान कर सम्मानित किया गया.







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